झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

रवींद्र नंद तिवारी हत्याकांडः चश्मदीद गवाह को पिकअप वैन से कुचला, कत्ल को बनाया हादसा

अपराधी शातिर कितना भी क्यों ना हो अपना निशान जरूर छोड़ता है. रवींद्र नंद तिवारी हत्याकांड का खुलासा से ऐसी ही बातें सामने आई हैं. अपराधियों ने सुबोध तिवारी की हत्या के चश्मदीद गवाह रवींद्र नंद तिवारी को रास्ते से हटाने के लिए गाड़ी से कुचलकर मार डाला और उसे हादसे का रूप दे दिया.

eyewitness of murder was hit with vehicle to death by criminals in Ranchi
eyewitness of murder was hit with vehicle to death by criminals in Ranchi

By

Published : Oct 1, 2021, 7:33 PM IST

रांचीः धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत जिस तरह ऑटो के टक्कर से हुई थी. उसी अंदाज में अपराधियों ने राजधानी में सुबोध तिवारी हत्याकांड के चश्मदीद गवाह को ठिकाने लगाने के लिए किया. गवाह रवींद्र नंद तिवारी को पिकअप वैन से कुचल कर मार डाला और उसे हादसे का रूप दिया. लेकिन पुलिस ने इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए अपराधियों को शिकंजे में ले लिया है.

इसे भी पढ़ें- रांची में छात्रा की मौत का मामलाः परिजनों ने जताई हत्या की आशंका, जांच की मांग

रांची पुलिस ने रवींद्र नंद तिवारी हत्याकांड में शामिल चार अपराधियों को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा कर दिया है. अभी तक अपराधियों को सुपारी देने वाला विकास पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है, उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है.

क्या है पूरा मामला
27 सितंबर को रांची में मांडर थाना क्षेत्र के मुड़मा के पास पिकअप वैन की चपेट में आने से रवींद्र नंद तिवारी की मौत हो गई थी. रवींद्र की मौत के बाद परिजनों ने इसे हादसा मानने से इनकार करते हुए पुलिस से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की. परिजनों ने यह आशंका जताई थी कि रवींद्र नंद तिवारी अपने भाई सुबोध आनंद तिवारी की हत्या का चश्मदीद गवाह था. हत्या में शामिल अपराधी उन पर गवाही ना देने के लिए लगातार दबाव बना रहे थे.

जांच में हत्या की साजिश का हुआ खुलासा
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने ग्रामीण एसपी नौसाद आलम के नेतृव में एक टीम का गठन कर टीम को मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी. जांच टीम ने सुबोध तिवारी हत्याकांड में शामिल अपराधियों से जब पूछताछ की. जिसमें यह बात निकलकर सामने आई कि रवींद्र नंद तिवारी की भी हत्या की गई है, जिसे सड़क हादसा दर्शाने की कोशिश की गई.

28 सितंबर को रवींद्र तिवारी कोर्ट में गवाही देने वाले थे. इसलिए उन्हें आरोपियों के द्वारा लगातार धमकाया जा रहा था कि वो गवाही ना दें. जब अपराधी रवींद्र नंद तिवारी को नहीं डरा पाए. तब उन्होंने 27 सितंबर यानी गवाही के ठीक एक दिन पहले रवींद्र की हत्या करवा दी. रवींद्र नंद तिवारी की हत्या की साजिश जेल में बंद विशाल (सुबोध तिवारी का हत्यारा) के भाई विकास ने रची थी. इसके लिए उसने किराए के हत्यारों को 5 लाख रुपये की सुपारी दी थी.

इसे भी पढ़ें- हत्या या हादसा! रंजय सिंह हत्याकांड की सुनवाई कर रहे जज को ऑटो ने मारी टक्कर, मौत


जज उत्तम आनंद के जैसे मारा गया रवींद्र को
रवींद्र नंद तिवारी की हत्या के लिए विकास ने मांडर के लोकल अपराधियों से संपर्क किया और उन्हें हत्या को इस अंदाज में अंजाम देने को कहा ताकि यह हत्या नहीं हादसा लगे. जिसके बाद मांडर के रहने वाले चार अपराधियों जियाउल अंसारी, अल्ताफ अंसारी, जीशान अंसारी और आफताब खान ने रवींद्र नंद तिवारी की रेकी शुरू की. इस दौरान अपराधियों को यह पता चल गया कि रवींद्र नंद तिवारी मुड़मा चौक के पास हर दिन आते हैं.

27 सितंबर को भी रवींद्र अपनी बाइक से मुड़मा पहुंचे थे और जैसे ही वो अपनी बाइक से सड़क की दूसरी तरफ जाने लगे पिकअप वैन में सवार अपराधियों ने उन्हें अपने वैन से जोरदार टक्कर मार दी. टक्कर मारने के बाद दो अपराधी, जिन्होंने टक्कर मारी वो फरार हो गए. जबकि दो अन्य वहीं अपराधी एक कार में बैठकर रवींद्र को देखते रहे कि उनकी मौत हुई या नहीं. रवींद्र की मौत के कंफर्म हो जाने के बाद मौके पर मौजूद दोनों अपराधी भी बड़े आराम के साथ फरार हो गए.

रूरल एसपी और टीम ने किया बेहतरीन काम
अपराधियों के दिमाग में कहीं ना कहीं जज उत्तम आनंद को कैसे मारा गया, यह चल रहा था. वो जान रहे थे कि अगर रवींद्र नंद तिवारी को मारने में भी हथियार का इस्तेमाल करते हैं तो जल्द पकड़े जाएंगे. इसलिए उन्होंने रवींद्र को मारने के लिए पिकअप वैन को चुना ताकि सब कुछ हादसा लगे. इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम और उनकी टीम का विशेष योगदान रहा. मात्र 3 दिनों के भीतर इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाकर पुलिस ने हत्या में शामिल चार अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया. अभी तक अपराधियों को सुपारी देने वाला विकास पुलिस गिरफ्त में नहीं आया है, उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है.


इसे भी पढ़ें- पुलिस इंस्पेक्टर पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप, डीआईजी से लगाई इंसाफ की गुहार


21 दिसंबर 2019 को हुई थी सुबोध तिवारी की हत्या
रांची में मांडर थाना क्षेत्र के मुड़मा चौक में 21 दिसंबर 2019 की शाम तीन बाइक पर सवार होकर आए नौ अपराधियों ने सुबोध नंद तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी आसानी से फरार हो गए थे. पुलिस ने हत्या की तफ्तीश कि तो इसमें शामिल तीन अपराधी गिरफ्तार कर लिए गए. तीनों अपराधियों ने पूछताछ में खुलासा किया था कि सुबोध तिवारी को रास्ते से हटाने के लिए विशाल साहू ने उन्हें सुपारी दी थी. जिसके बाद पुलिस ने विशाल साहू को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

सुबोध तिवारी की हत्या के चश्मदीद गवाह उनके भाई रवींद्र नंद तिवारी थे. इसी वजह से विशाल साहू ने जेल में रहते हुए अपने भाई विकास साहू के जरिए 5 लाख की सुपारी देकर रवींद्र नंद तिवारी की भी हत्या करवा दी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details