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माह-ए-रमजानः ईद पर सेवई खिलाने की है परंपरा, आपसी सौहार्द्र और भाईचारे का प्रतीक - ranchi news

माह-ए-रमजान का पाक महीना चल रहा है. मुस्लिम धर्मावलंबी इस महीने में रोजा रखते हैं. ईद के साथ ही रमजान का महीना समाप्त हो जाता है. ईद के दिन लोग एक-दूसरे को दावत पर बुलाते हैं. इस दावत में सबसे खास व्यंजन होता है वो है सेवई.

eid special dish sevai
eid special dish sevai

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Published : May 1, 2022, 10:10 AM IST

Updated : May 1, 2022, 10:33 AM IST

रांचीः ईद के मौके पर लोग नए कपड़े पहनते हैं और घरों में तरह-तरह के पकवान बनते हैं. लेकिन इस अवसर पर जो सबसे खास होता है, वो है इस दिन खास तौर पर बनने वाली सेवई. घर के लोग हो या दावत पर आने वाले मेहमान सेवई खाए बगैर नहीं रहते. इसलिए ईद को मीठी ईद या फिर सेवइयों वाली ईद भी कहते हैं.

रमजान का पवित्र महीना खत्म होते ही अगले दिन ईद मनाई जाती है. इस वर्ष भी ईद का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाने की तैयारी है. ईद के मौके पर बनने वाली सेवईयों में काफी मेहनत लगती है. इसे बनाने के लिए लोग खूब सारे मेवे का इस्तेमाल करते हैं. ईद का संबंध खुशी से है और सेवई का ताल्लुक मिठास से है. इसलिए इस दिन सेवई से लोगों का मुंह मीठा किया जाता है. सेवई दो तरह से बनाई जाती है - पहला शीर और दूसरा किमामी सेवई. इस दिन दूध वाली सेवई के साथ-साथ किमामी सेवई को खास तरीके से घर के लोग तैयार करते हैं. कहा जाता है कि इस डिश के बिना ईद का त्योहार फीका होता है.

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बाजारों 80 रुपये से लेकर 600 रुपये तक की सेवईः ईद के मौके पर सेवई खाने की परंपरा रही है. इस बार भी बाजारों में सेवई की एक से एक वेरायटी देखी जा रही है. इसमें सबसे ज्यादा बनारसी सेवई की मांग है. इसके अलावे मुम्बई, कोलकाता, आसाम आदि शहरों के सेवई के अलावे अरब देश से भी सेवई रांची के बाजार तक पहुंची है. ईद को लेकर सजे रांची के बाजारों में 80 रुपये से लेकर 600 रुपये तक की अलग अलग किस्म की सेवईयां मिल रही हैं. दुकानदार मोहम्मद जमीउल्ला बताते हैं कि ईद के अवसर पर सेवई खाने की प्राचीन परंपरा है जो धार्मिक नहीं बल्कि आपसी भाईचारा बढ़ाने के तौर पर इसे देखा जाता है.

प्यार और सौहार्द्र का प्रतीकःवहीं रांची के हिंदपीढ़ी के रहने वाले मोहम्मद नियामत कहते हैं कि ईद के मौके पर सेवई बनाने से ज्यादा खिलाने का महत्व है. यही वजह है कि इसे खास तौर पर तैयार कर लोग एक दूसरे को खिलाते हैं. जिससे कि प्यार और सौहार्द्र बढ़े. ईद के अवसर पर खजूर और किमामी सेवई खाने की परंपरा है. किमामी सेवई चीनी और मेवा का उपयोग कर तैयार किया जाता है. जो पौष्टिकता से भरा त्योहार की खुशियां में मिठास घोलने का काम करता है. यही वजह है कि मुस्लिम समाज ईद के अवसर पर इसे खाना या खिलाना नहीं भूलते.

Last Updated : May 1, 2022, 10:33 AM IST

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