रांचीः तिलैया डैम के निर्माण के कारण हजारीबाग और कोडरमा जिले के 56 गांवों के लोगों को विस्थापित किया गया. इन विस्थापितों को डीवीसी की ओर से जमीन दी गई. लेकिन उस जमीन का मालिकाना हक नहीं मिला. इसे लेकर विस्थापित ग्रामीणों की ओर से लगातार मालिकाना हक की मांग कर रहे हैं. अब विस्थापितों की मांग को लेकर झारखंड विधानसभा गंभीर है.
तिलैया डैम के विस्थापितों को मिली जमीन के मालिकाना हक को लेकर झारखंड विधानसभा गंभीर, शीघ्र निकाला जाएगा समाधान
तिलैया डैम के विस्थापितों (displaced people of Tilaiya Dam ) को जमीन दी गई, लेकिन मालिकाना हक नहीं मिला. इसको लेकर साल 1952 से लगातार मांग कर रहे हैं. हालांकि, अब रास्ता निकालने को लेकर सरकार गंभीर है. यही वजह है कि झारखंड विधानसभा की निवेदन समिति 17 अक्टूबर को स्थल निरीक्षण करने के साथ साथ ग्रामीणों के साथ बैठक करेगी.
तिलैया डैम के विस्थापितों को मिली जमीन का मालिकाना हक को लेकर झारखंड विधानसभा गंभीर
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इस समस्या के समाधान निकालने को लेकर झारखंड विधानसभा की निवेदन समिति 17 अक्टूबर को स्थल निरीक्षण करने के बाद बैठक कर रास्ता निकालेगी. झारखंड विधानसभा के निवेदन समिति के सभापति उमाशंकर अकेला ने बताया कि यह बैठक बरही के श्रीनगर गांव में होगी, जिसमें वन विभाग और जिला प्रशासन उपस्थित रहेंगे और ग्रामीणों की समस्या सुनकर समाधान निकालेंगे.