रांची:झारखंड के कई सरकारी स्कूलों को उर्दू स्कूल बताकर शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश देने के मामले में शिक्षा विभाग की सख्ती का असर दिखने लगा है. ईटीवी भारत की टीम ने रांची के चंदवे स्थित राजकीय मध्य विद्यालय का जायजा लिया तो सिस्टम बदला नजर आया. अब वहां पिछले सप्ताह से शुक्रवार की जगह रविवार को साप्ताहिक अवकाश देने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है.
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ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह ने संबंधित स्कूल के शिक्षक, विद्यालय प्रबंधन समिति और छात्राओं से बात की तो पूरी सच्चाई सामने आ गई. स्कूल के शिक्षक त्रिदिव कुमार साहू ने बताया कि वह 2016 से इस स्कूल में सेवारत हैं. तब से इस स्कूल में शुक्रवार को छुट्टी रहती थी. हालांकि उन्होंने बताया कि उनके ज्वाइनिंग लेटर में राजकीय मध्य विद्यालय, चंदवे लिखा हुआ है. कहीं भी उर्दू शब्द का जिक्र नहीं है. उन्हें नहीं मालूम कि शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश देने की व्यवस्था किसके आदेश से शुरू हुई.
स्कूल का जायजा लेते ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह इसी स्कूल के पारा शिक्षक मो. इस्लाम अंसारी ने बताया कि वह 2007 से इस स्कूल में सेवा दे रहे हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा इसी स्कूल में हुई है. उन्होंने कहा कि वह इसी स्कूल में 1974-75 में विद्यार्थी थे. उस वक्त भी शुक्रवार को ही छुट्टी रहती थी. उन्होंने कहा कि प्रारंभ में इस स्कूल का नाम उर्दू प्राथमिक विद्यालय, चंदवे था. बाद में छात्रों की संख्या के हिसाब से स्कूल को अपग्रेड कर राजकीय मध्य विद्यालय बना दिया गया. स्कूल प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष मो. सईद अंसारी ने बताया कि शुक्रवार को छुट्टी की जगह रविवार को छुट्टी देने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इस स्कूल में मुस्लिम बच्चों की संख्या ज्यादा है. इसलिए इस स्कूल को उर्दू स्कूल का दर्जा देकर शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश कर दिया जाना चाहिए.
इसी स्कूल में सेवारत शिक्षक मो. रफिक-उल इस्लाम ने कहा कि वे भी इसी स्कूल में साल 2014 से सेवारत हैं. तब से शुक्रवार को ही साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था चली आ रही है. उन्होंने कहा कि स्कूल महज तीन फीट की दूरी पर एक मस्जिद है. शुक्रवार के दिन लाउडस्पीकर से नमाज की अजान होने पर बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है. पिछले शुक्रवार से व्यवस्था बदलने के बाद अजान होते ही बच्चे घर जाने लगते हैं. इसलिए वह चाहते हैं कि इस स्कूल को उर्दू स्कूल की मान्यता दी जानी चाहिए. आठवीं की अंजुम नाम की छात्रा ने बताया कि शुक्रवार को ही छुट्टी रहती तो अच्छा रहता. जबकि काजल कुमारी नाम की बच्ची ने बताया कि रविवार को छुट्टी रहने से कोई दिक्कत नहीं है.
दरअसल, चंदवे के जिस अंसार नगर में राजकीय मध्य विद्यालय का संचालन हो रहा है, वह इलाका मुस्लिम बहुल है. इस स्कूल में करीब 74 प्रतिशत छात्र मुस्लिम समुदाय के हैं. यहां कोईना, चंदवे, बाड़ी टोला, पुरनाडीह, पखराटोली और अंसार नगर जैसे गांव और मुहल्लों के बच्चे पढ़ने आते हैं. लेकिन उर्दू स्कूल के रूप में इसकी बुनियाद पड़ने के कारण उसी व्यवस्था को अबतक जारी रखा गया. सबसे खास बात है कि स्कूलों के शिक्षकों को ई-विद्यावाहिनी पोर्टल के साथ-साथ रजिस्टर पर हाजिरी बनानी होती है.
जाहिर है इस व्यवस्था की जानकारी जिला शिक्षा अधीक्षक को होगी, फिर भी किसी ने इसपर गौर नहीं किया. मीडिया में बात आने पर पिछले 24 जुलाई से पहले तक शुक्रवार को ही साप्ताहिक छुट्टी रहती थी. इस स्कूल में नौ स्थायी और 5 पारा शिक्षक हैं. मिड डे मील में बच्चों को सप्ताह में दो दिन अंडा भी मिलता है, लेकिन यहां कुछ कमियां भी हैं. इस स्कूल में प्रवेश करने के लिए सिर्फ तीन फीट चौड़ी गली है. दूसरी तरफ मस्जिद है. जाहिर है कि अगर कोई हादसा हो जाए तो रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना मुश्किल हो जाएगा. यहां एक और बड़ी खामी नजर आई. मुहल्ले के युवक स्कूल परिसर में घुसकर चापानल से पानी पीते दिखे. आठवीं तक कक्षा चलने के कारण छात्राओं की सुरक्षा को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता.