रांचीः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है और जिसका सबसे ज्यादा असर मजदूरों पर पड़ रहा है. मजदूर गांव से शहर इस उम्मीद से आते हैं कि शहर में रोजगार मिलेगा और घर परिवार अच्छे से चल पाएगा, लेकिन मौजूदा हालात में कोई भी इन मजदूरों को अपने घर में काम कराने के लिए नहीं ले जा रहा है, जिसके कारण दिहाड़ी मजदूरी कर अपनी जीविका उपार्जन करने वाले मजदूरों के बीच काफी समस्या उत्पन्न हो गई है.
कोरोना ने छीनी दिहाड़ी मजदूरों की मजदूरी, हर शाम बिना काम के लौट रहे घर
राजधानी में बढ़ते संक्रमण ने दिहाड़ी मजदूरों से रोजगार छीन लिया है. लंबे समय से जारी लॉकडाउन की वजह से अंडर कंस्ट्रक्शन का काम बंद होने के कारण वहां काम करने वाले लोगों को भी अब काम नहीं मिल रहा है. ऐसे में उनके सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है.
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मजदूरों का कहना है कि 3 महीने के लॉकडाउन के कारण जमा पूंजी पूरी तरह से समाप्त हो गया और अब काम नहीं मिलने के कारण लोगों के बीच भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है. मजदूर सुबह होते ही चौक चौराहे पर आकर बैठे हुए रहते हैं. इस उम्मीद से कि कोई काम कराने के लिए ले जाएगा, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाता है, लोगों की उम्मीद टूटते जाती है और मायूस होकर वो फिर घर लौट जाते हैं. स्थिति यह हो गई है कि लोग गरीबी और भुखमरी की कगार पर आ गए हैं. उनकी मांग है कि सरकार मजदूरों के हितों को ध्यान में रखते हुए कोई उचित कदम उठाए, ताकि गरीब मजदूरों का भरण पोषण हो सके.