रांची:झारखंड में गठबंधन सरकार के आने के बाद से ही लगातार विपक्ष की भारतीय जनता पार्टी के द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं कि राज्य के लॉ एंड ऑर्डर चरमरा गई है. दिनदहाड़े हत्या, लूट, छिनतई समेत नक्सल वारदात भी बढ़ गई है. भाजपा का मानना है जब से गठबंधन सरकार बनी है. तब से शहरी क्षेत्र में आपराधिक वारदात बढ़ गए हैं. तो वहीं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सली अपने पांव फिर से पसारने लगे हैं. राज्य में गिरती कानून व्यवस्था को लेकर सत्ता में शामिल कांग्रेस आज राज्य की गिरती कानून व्यवस्था को लेकर चुप्पी साधे हुए है.
झारखंड में विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस पार्टी के द्वारा लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने पर लगातार डीजीपी को बदलने की मांग की जाती रही थी. साथ ही पार्टी द्वारा सड़क पर उतरकर विरोध भी जताया जाता रहा और पुलिस महकमे पर सवाल खड़े किए जाते रहे. लेकिन अब सत्ता में आने के बाद कांग्रेस पार्टी के सुर बदले बदले नजर आ रहे हैं. हालांकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि चरमराई कानून व्यवस्था गंभीर विषय है. इसे लेकर मुख्यमंत्री ने समीक्षा भी की है. इसमें जो दोषी पाए जाएंगे और पुलिस महकमे में बदलाव की जरूरत होगी तो उस पर भी मुख्यमंत्री द्वारा विचार किया जाएगा.
रांची में चरमराई कानून व्यवस्था पर कांग्रेस ने साधी चुप्पी - कानून व्यवस्था
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी जब राज्य में विपक्ष की भूमिका निभा रही थी. तब राज्य के चरमराई लॉ एंड ऑर्डर के खिलाफ हमेशा मुखर रही थी. लेकिन अब जब कांग्रेस पार्टी गठबंधन सरकार में शामिल है. तब चरमराई कानून व्यवस्था को लेकर चुप्पी साधे हुए है.
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सितंबर महीने के आखिर में राजधानी रांची में लगातार हत्या, रंगदारी,छिनतई जैसे आपराधिक मामले सामने आए हैं. जिसकी वजह से लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठ रहे हैं. पिछले दिनों जहां भाजपा नेता की ओरमांझी में गोली मारकर हत्या कर दी गई. तो वहीं, अरगोड़ा थाना क्षेत्र में भाजपा नेता से दो करोड़ की रंगदारी मांगी गई. जबकि कोतवाली थाना क्षेत्र में एक बड़े व्यवसायी से पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के द्वारा तीन करोड़ की रंगदारी मांगी गई है. कांके थाना क्षेत्र में कोयला व्यवसायी पर अपराधियों ने फायरिंग की तो वहीं, रातू थाना क्षेत्र के तिलता में जमीन विवाद में कानून को ताक में रखकर एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. ऐसे में लगातार हो रहे आपराधिक वारदातों की वजह से गठबंधन सरकार में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर सवाल उठ रहे हैं.