रांची: झारखंड विधानसभा में विपक्ष में बैठने वाली कांग्रेस पार्टी के कांके विधानसभा सीट के प्रत्याशी राजीव कुमार को लेकर तकनीकी अड़चन आ रही है. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का यकीन करें तो लोकसभा चुनावों में उन्हें अकोमोडेट नहीं कर पाने के कारण पार्टी ने विधानसभा चुनाव में उन्हें कांके से उम्मीदवार बनाया है.
लोकसभा चुनाव से पहले हुए थे कांग्रेस में शामिल
दरअसल राजीव कुमार लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए और उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पलामू लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बना सकती है. चूंकि महागठबंधन की सीट शेयरिंग डील के अनुसार पलामू सीट राजद के खाते में चली गई इसी वजह से लोकसभा चुनाव में राजीव कुमार को उम्मीदवार नहीं बनाया गया. सूत्रों का यकीन करें तो कुमार मूलत उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं.
क्या है पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट का प्रावधान ?
दरअसल, पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के प्रावधान के अनुसार प्रदेश के विधानसभा के लिए होने वाले चुनावों में उसी प्रदेश से निर्गत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर कोई भी व्यक्ति उम्मीदवार बन सकता है. इसके अलावा उसका उस विधानसभा इलाके के इलेक्टोरल रोल में नाम दर्ज होना आवश्यक है. कांग्रेस सूत्रों का यकीन करें तो राजीव कुमार के मामले में इन बिंदुओं पर फिलहाल संशय है. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने साफ तौर पर कहा कि नियमों के अनुसार उम्मीदवारी तय होती है. रिजर्व सीट की अलावा ऐसे उम्मीदवार जनरल सीट से चुनाव लड़ सकते हैं बशर्ते कि इलेक्टोरल रोल में उनका नाम हो.