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झारखंड में 'स्कूल ऑफ एक्सीलेंस' से छात्रों को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सरकार ने बढ़ाये कदम

सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक कदम उठाए हैं. उन्होंने सरकारी स्कूलों को 'स्कूल ऑफ एक्सीलेंस' में तब्दील करने की योजना बनाई है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने टेंडर जारी कर दिया है.

cm hemant soren took steps regarding school of excellence in jharkhand
सीएम हेमंत सोरेन

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Published : Aug 1, 2021, 10:16 AM IST

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकारी स्कूलों को 'स्कूल ऑफ एक्सीलेंस' में परिवर्तित कर राज्य के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया है. पहले चरण में राज्य के सभी जिलों के प्रस्तावित 80 स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (उत्कृष्ट स्कूल) में तब्दील किया जा रहा है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने टेंडर जारी कर दिया है.

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बचे स्कूलों के लिए निकाला जाएगा टेंडर

विभाग ने शुरुआत में 27 स्कूलों के लिए टेंडर जारी किया है और शेष 53 स्कूलों के लिए जल्द ही टेंडर निकाला जाएगा. मुख्यमंत्री के विजन के अनुसार लगभग पांच हजार सरकारी स्कूलों को क्रमवार आधुनिक शिक्षा सुविधाओं से लैस किया जाएगा. इसका प्रारंभिक उद्देश्य 2022-23 शैक्षणिक सत्र की शुरुआत तक 80 जिलास्तर के उत्कृष्ट स्कूलों के लगभग दो लाख छात्रों को लाभ पहुंचाना है.

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे स्कूल

सरकार ने सभी 'स्कूल ऑफ एक्सीलेंस' को विश्वस्तरीय शिक्षा प्रणाली से आच्छादित करने की योजना बनाई है. स्कूल निर्बाध बिजली आपूर्ति, स्वच्छ वातावरण और स्मार्ट बोर्ड जैसी अन्य सुविधाओं से सुसज्जित होंगे. इन स्कूलों का विकास निजी स्कूलों के मॉडल पर किया जा रहा है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा निजी स्कूलों के समतुल्य मिल सके. इसे देखते हुए हर स्कूल में अलग-अलग लैब, लाइब्रेरी और एसटीईएम लैब की स्थापना की जाएगी. पूर्व में स्कूलों में साफ-सफाई और शौचालय की सुविधा नहीं होने के कारण लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर अधिक थी. इसके लिए सरकार ने सभी स्कूल परिसरों में लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए अलग-अलग शौचालय सुविधा बहाल करने करने की योजना बनाई है.


अंग्रेजी और पढ़ने की क्षमता में सुधार करना लक्ष्य

छात्रों के अंग्रेजी उच्चारण के अभ्यास और उनकी पढ़ने की क्षमता में सुधार करने के लिए पाठ्यपुस्तकों, कहानी की किताबों, लेखों आदि का उपयोग पठन सामग्री के रूप में किया जाएगा. इन मॉडल स्कूलों में सीखने के परिणामों में सुधार के लिए एक समर्पित भाषा प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी और इसका उपयोग समीक्षा तंत्र उपकरण के रूप में भी किया जाएगा.

प्राचार्यों और शिक्षकों को प्रशिक्षण भी

मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि स्कूल प्राचार्यों से लेकर एसएमसी (स्कूल प्रबंधन समिति) तक के प्रशिक्षण मॉड्यूल की व्यवस्था करें. देश के प्रमुख संस्थानों की मदद से 'उत्कृष्ट स्कूल' में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. नियमित प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए शिक्षा विभाग देश के विभिन्न हिस्सों से विशेषज्ञ प्रशिक्षकों को लाने पर काम कर रहा है. टीम एक साथ शिक्षण स्टाफ के प्रशिक्षण और हैंडहोल्डिंग पर काम करेगी. छात्र केंद्रित शिक्षण सुनिश्चित करने के लिए विद्यालय में पदस्थापित शिक्षकों को समय पर विषयवार प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि संबंधित विषय में तकनीकी क्षमता का विकास हो और कक्षा का स्मार्ट प्रबंधन हो सके.

राज्य भर के 15 लाख बच्चों को लाभान्वित करने का लक्ष्य

स्कूल ऑफ एक्सीलेंस प्री-प्राइमरी स्तर से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों की जरूरतों को पूरा करेगा. इस योजना से राज्य भर के लगभग 15 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे.सरकार का लक्ष्य सत्र 2022-23 शुरू होने से पहले 80 जिलास्तरीय उत्कृष्ट स्कूलों, 2023-24 के सत्र से पहले 329 ब्लॉक स्कूलों और 2024-25 के सत्र से पहले 4,000 से अधिक पंचायत स्तर के स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाना है.

हर बच्चा है गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का हकदार: सीएम

सीएम ने कहा कि हर बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का हकदार है और सरकार राज्य की संपूर्ण शिक्षा प्रणाली को बदलने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारा लक्ष्य हर बच्चे के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुविधा प्रदान करना है. राज्य भर के लगभग 5,000 स्कूलों को 'उत्कृष्टता के स्कूल' में बदला जाएगा. वह दिन दूर नहीं जब हमारे बच्चे जगमगाती आँखों और उज्ज्वल भविष्य के सपने लेकर स्कूल से बाहर निकलेंगे.

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