रांची: राज्य गठन के लगभग 20 साल के बाद सरकार के लोगो परिवर्तन की वजह बताते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पुराना लोगो बहुत प्रभावी नहीं था. उन्होंने कहा कि पुराने लोगो में बहुत सी ऐसी चीज अंकित थी जिसका कोई मायने नहीं था. उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य का लोगो उसकी पहचान का प्रतिबिंब होता है और पुराने लोगो में यह सही ढंग से नहीं हो पाया था.
सीएम हेमंत सोरेन ने बताई झारखंड सरकार के लोगो बदलने की वजह, कहा- राज्य का प्रतिबिंब होता है प्रतीक चिन्ह
झारखंड सरकार का लोगो बदल गया है. इसे 15 अगस्त से लागू किया जाएगा. इसको लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पुराना लोगो बहुत प्रभावी नहीं था.
सीएम ने कहा कि इस विषय पर कभी किसी ने विचार भी नहीं किया था. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि राज्य सरकार ने लोगो बदलने का निर्णय लिया. यह लोगो 15 अगस्त को राज्यवासियों के समक्ष लागू किया जाएगा. दरअसल नए लोगो के केंद्र में अशोक स्तंभ है, जबकि उसके बाहर की परियों में झारखंड की प्रकृति विविधता और समृद्धि दिखाने की कोशिश की गई है. वहीं, पुराने लोगो में अंग्रेजी अल्फाबेट का जे 4 अलग-अलग एंगल से अशोक चक्र के किनारे लगा हुआ था.
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कैबिनेट में लिए नए कई महत्वपूर्ण निर्णय
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बुधवार को स्टेट कैबिनेट की बैठक में कई निर्णय लिए. उनमें झारखंड राज्य संक्रामक रोग अध्यादेश 2020 भी शामिल है, जिसमें दंड का प्रावधान भी किया गया है. उन्होंने कहा कि कभी-कभी समय आने पर सख्ती करनी पड़ती है. इसी को ध्यान में रखकर अध्यादेश लाया गया है. इसके साथ ही उन्होंने इशारा किया कि इसको लेकर आगे भी निर्णय किया जा सकता है. दरअसल, प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राज्य सरकार ने यह अध्यादेश कैबिनेट से पास किया है. इसके प्रावधान के अनुसार लॉकडाउन के दौरान सरकार का गाइडलाइन नहीं मानने वालों के खिलाफ 2 साल की सजा और 1 लाख रुपये का अर्थदंड का प्रावधान अध्यादेश में किया गया है.