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संताल इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन का 30वां दीक्षांत समारोह: ऑनलाइन शामिल हुए सीएम हेमंत सोरेन

संताल इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के 30वां दीक्षांत समारोह सह वार्षिक आमसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ऑनलाइन शामिल हुए. यहां उन्होंने कहा कि विज्ञान और तकनीक में हो रहे बदलाव का जनजातीय समुदाय पर पड़ने वाले असर का मूल्यांकन होना जरूरी है.

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संताल इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन

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Published : Dec 26, 2021, 11:03 PM IST

Updated : Dec 27, 2021, 7:36 AM IST

रांचीः संताल इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के 30वें दीक्षांत समारोह सह वार्षिक आमसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ऑनलाइन शामिल हुए. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान और तकनीक में हो रहे बदलाव का जनजातीय समुदाय पर पड़ने वाले असर का मूल्यांकन होना जरूरी है. उन्होंने सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कहा कि आदिवासी समुदाय की नयी पीढ़ी को हुनरमंद और तकनीक विशेषज्ञ बनाना सरकार की प्राथमिकता है.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को संथाल के इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के 30वें दीक्षांत समारोह सह वार्षिक आमसभा में सोशल री-इंजीनियरिंग थ्रू रूरल एंटरप्रेन्योरशिप पर आयोजित ऑनलाइन नेशनल कॉन्फ्रेंस को सीएम ने संबोधित किया. सीएम ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान और तकनीक का यह युग है जिसमें नित्य नए बदलाव हो रहे हैं. दुनिया इन परिवर्तनों के जरिए तेजी से आगे बढ़ रही है. लेकिन जनजातीय समाज पर इसका कितना प्रभाव पड़ रहा है, इसका मूल्यांकन जरूरी है. उन्होंने कहा कि इन बदलावों का जनजातीय समाज पर सकारात्मक असर हो, उनके अस्तित्व के लिए खतरा नहीं बने, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

ऑनलाइन शामिल हुए सीएम हेमंत सोरेन

जनजातीय समाज की परंपराओं को बनाए रखने के साथ विकास को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय समाज की सदियों से चली आ रही परंपरा, भाषा, संस्कृति और सभ्यता को अक्षुण्ण बनाए रखने के साथ विकास के पथ पर आगे ले जाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों में व्याप्त गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने के साथ उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए कई कार्यक्रम और योजनाएं चलाई जा रही हैं. जरूरत इस बात की है कि इन योजनाओं का उन्हें पूरा लाभ मिले, इस दिशा में सरकार लगातार प्रयत्नशील है.

संताल इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के 30वां दीक्षांत समारोह
झारखंड में देश का पहला ट्राइबल यूनिवर्सिटीमुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोलने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी खोलने की भी योजना है. उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में केजी से लेकर पीजी तक जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई सुनिश्चित की जा रही है. विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए जनजातीय विद्यार्थियों को शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दी जा रही है. साथ ही स्वरोजगार के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत सब्सिडी आधारित 25 लाख रुपए दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय की नई पीढ़ी को हुनरमंद और तकनीकी विशेषज्ञ बनाने की जरूरत है.

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ग्रामीण व्यवस्था को बनाए रखने की जरूरत है
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज तेजी से शहरीकरण हो रहा है, स्मार्ट सिटी बनाए जा रहे हैं. लेकिन झारखंड जैसे आदिवासी बहुल राज्य में स्मार्ट विलेज बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि रूरल एंटरप्रेन्योरशिप के लिए भी सरकार कई योजनाएं बनाई है. पशुधन विकास योजना और फूलो झानो आशीर्वाद योजना के के मार्फत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा रही है. उन्होंने कहा कि गांव और ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाकर राज्य को सशक्त बना सकते हैं.

रांची में करें कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने संथालों के हित में संताल इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के द्वारा किए गए कार्यों की तारीफ की है. उन्होंने अपील करते कहा कि हर वर्ष वार्षिक आमसभा और कांफ्रेंस का आयोजन किया जाता है. आप रांची में इस तरह का कार्यक्रम आयोजित करें, इसके लिए प्लेटफार्म सरकार देगी. सीएम ने कहा कि इससे देश-दुनिया में यह संदेश जाएगा कि जनजातीय समाज इन बदलावों के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है.

Last Updated : Dec 27, 2021, 7:36 AM IST

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