रांची: आदिवासी समाज की सदियों पुरानी सरना धर्म कोड की मांग का आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ता दिख रहा है. केंद्रीय सरना समिति आदिवासी सेंगल अभियान और अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में 15 अक्टूबर को राज्यव्यापी चक्का जाम करने का ऐलान किया गया है, जिसको लेकर राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर मशाल जुलूस निकालकर विरोध दर्ज किया है.
सरना धर्म कोड की मांग बुलंदइस आंदोलन को सफल बनाने के लिए आदिवासी बहुल जिलों में जनसंपर्क अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया गया है. ताकि बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग सड़क पर उतर कर सरना धर्म कोड की मांग को बुलंद कर सकेंगे.
ये भी पढ़ें-10 साल से एक जिले में जमे सिपाहियों का होगा तबादला, सभी जिलों के एसपी से मांगी गई सूची
धर्म निरपेक्ष देश में सभी समुदाय और जाति सबका अपना धर्म कोड मिला हुआ है. लेकिन झारखंड के आदिवासियों खासकर सरना समुदाय के लिए अब तक सरना कोड नहीं लागू किया गया. इन्हीं मांगों के साथ गुरुवार को पूरे झारखंड में समुदाय के लोग संपूर्ण चक्का जाम का आवाहृन किया है.
रांची में मशाल जुलूस के माध्यम से अपना विरोध दर्ज कराते हुए आदिवासी नेता फूलचंद तिर्की और केंद्रीय सरना समिति के संरक्षक भुनेश्वर लोहरा ने यह भी बताया कि लंबे समय से सरना कोड की मांग को लेकर समुदाय के लोग आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब तक सरना कोड लागू नहीं किया गया. ऐसे में सरना आदिवासी समुदाय के लोगों के हक अधिकार का हनन लगातार हो रहा है. इसी के तहत गुरुवार को संपूर्ण झारखंड में संपूर्ण चक्का जाम किया जाएगा.