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भ्रष्टाचार के खिलाफ स्पेशल ड्राइव डे, झारखंड में 6 ठिकानों पर CBI के छापे

सीबीआई ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ देशभर में स्पेशल ड्राइव चलाया. इस ड्राइव में झारखंड की राजधानी रांची सहित जमशेदपुर और साहिबगंज में भी कई अधिकारियों के ठिकाने पर सीबीआई ने रेड किया.

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Published : Jul 9, 2019, 10:26 PM IST

रांची: सीबीआई ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ देशभर में स्पेशल ड्राइव चलाया. इस ड्राइव में झारखंड की राजधानी रांची सहित जमशेदपुर और साहिबगंज में भी कई अधिकारियों के ठिकाने पर सीबीआई ने रेड किया. ड्राइव के दौरान सीबीआई ने रांची के प्रोविडेंट फंड आर्गेनाइजेशन में फर्जीवाड़े के मामले में एफआईआर दर्ज कर दो वर्तमान और एक रिटायर अधिकारी के छह ठिकानों पर छापेमारी की.


रांची, साहिबगंज और जमशेदपुर में रेड
सीबीआई टीम ने एक साथ मंगलवार सुबह रांची, जमशेदपुर और साहिबगंज में छापेमारी की. टीम ने जमशेदपुर और साहिबगंज में प्रोविडेंट फंड आर्गेनाइजेशन के दफ्तर में भी छापा मारा. छापेमारी टीम ने छापेमारी के दौरान डायरी, अहम दस्तावेज, हार्डडिस्क समेत अन्य चीजें जब्त की हैं. सीबीआई के एसीबी ने पीएफ फर्जीवाड़े में रांची के तत्कालीन सीनियर सोशल सिक्यूरिटी असिस्टेंट विजय लकड़ा, तत्कालीन सेक्शन सुपरवाइजर (अब रिटायर्ड) जेके रॉय और असिस्टेंट एकाउंटेंट अफसर अभिमन्यू कुमार को आरोपी बनाया है.


कहां-कहां छापेमारी?

  • विजय लकड़ा, सीनियर सोशल सिक्युरिटी असिस्टेंट के एदलहातू भीठा रोड स्थित आवासीय परिसर
  • विजय लकड़ा के सकरोगढ़, साहिबगंज स्थित आवास
  • साहिबगंज पीएफ आर्गेनाइजेशन के सीनियर सोशल सिक्यूरिटी असीस्टेंट स्थित दफ्तर कक्ष
  • जेके रॉय, तत्कालीन सेक्शन सुपरवाइजर, पीएफ आर्गनाइजेशन रांची के वसुंधरा अपार्टमेंट, पूरन बिहार, अरगोड़ा स्थित आवास
  • अभिमन्यु कुमार, असिस्टेंट एकाउंट अफसर, रिजनल ऑफिस साकची के दफ्तर
  • अभिमन्यु कुमार के जमशेदपुर स्थित मानगो के शिवाजी कांप्लेक्स, डिमना रोड स्थित आवास

क्या है मामला?
सेंट्रल प्रोविडेंट फंड कमिश्नर आईएएस अधिकारी सुनील बथवाल ने ईपीएफओ रांची के 11 कर्मियों ने गलत तरीके पीएफ और पेंशन सेटलमेंट की शिकायत सीबीआई से की थी. सुनील बथवाल ने सूचना दी थी कि रिलायंस फायर ब्रिक्स एंड पॉर्टी लिमिटेड के 88 कर्मचारियों के पीएफ व पेंशन सेटलमेंट में पद का दुरुपयोग करते हुए गड़बड़ी की. शिकायत पर सीबीआई ने प्राथमिक जांच की. इसके बाद साल 2009-13 के बीच यहां पोस्टेड तीन अधिकारियों की भूमिका पायी. सीबीआई ने तीनों आरोपियों के खिलाफ पीसी एक्ट, जालसाजी के धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है.

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