रांचीः झारखंड विधानसभा में पिछले 5 साल तक ट्रेजरी बेंच में बैठने वाली बीजेपी अब ऑपोजिशन बेंच पर बैठेगी. अपने 25 विधायकों के साथ बीजेपी झारखंड विधानसभा में बने 'ना पक्ष' की तरफ बैठने वाली है. हालांकि अभी तक इस बात को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है कि विधानसभा में बीजेपी के विधायक दल का नेता कौन होगा. आंकड़ों के हिसाब से प्रमुख विपक्षी दल के रूप में उभरी बीजेपी के विधायक दल का नेता, प्रतिपक्ष का नेता भी माना जाएगा.
बता दें कि विधानसभा चुनाव के बाद आए नतीजों ने झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के महागठबंधन को बहुमत का आंकड़ा दिया है. इसके बाद झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन राज्य के भावी मुख्यमंत्री के रूप में 29 दिसंबर को शपथ लेने जा रहे हैं.
क्या तर्क है बीजेपी का
पार्टी का साफ कहना है कि अपनी नई भूमिका को विधायक बखूबी निभाएंगे. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने दावा किया कि तत्कालीन बीजेपी सरकार में विपक्ष हमेशा सदन का बहिष्कार करता रहा. गंभीर मुद्दों में बहस करने की बजाय वॉक आउट करता रहा. हालांकि बीजेपी ऐसी परंपरा नहीं बनाएगी और सकारात्मक विपक्ष के रूप में सक्रिय दिखेगी.
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किसके सर होगा नेता प्रतिपक्ष का ताज
विधानसभा चुनाव के बाद आए नतीजों पर गौर करें तो झारखंड विधानसभा में दो चेहरे ऐसे हैं जिन्हें नेता प्रतिपक्ष के रूप में देखा जा रहा है. एक तरफ जहां खूंटी से बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा का नाम उभर कर आ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ छठी बार रांची विधानसभा सीट से विधायक बने सीपी सिंह का नाम भी तेजी से उभर कर आ रहा है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों पर यकीन करें तो मुंडा के नाम पर सहमति बनने की उम्मीद है. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय पार्टी का आलाकमान दिल्ली में तय करेगा.
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आंकड़ों में महागठबंधन
आंकड़ों के अनुसार 81 इलेक्टेड सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में महागठबंधन को 47 सीटें मिली हैं. जिनमें झारखंड मुक्ति मोर्चा को 30, कांग्रेस को 16 और राजद को 1 सीट मिली है. दूसरी तरफ भाकपा माले और एनसीपी के एक-एक विधायक ने भी मौजूदा सरकार को समर्थन देने की घोषणा की है. वहीं, झारखंड विकास मोर्चा भी सरकार के साथ रहेगा. दो निर्दलीयों सरयू राय और अमित यादव को लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है. कुल मिलाकर देखें तो 25 विधायकों वाली भाजपा और तीन विधायकों वाली आजसू पार्टी फिलहाल विपक्ष में बैठने वाले दल हैं.