रांची: साइबर अपराधी अलग-अलग हथकंडे अपनाकर लगातार आम और खास लोगों के खातों में सेंध लगा रहे हैं. साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने के लिए अब नया तरीका इजाद कर लिया है. अब साइबर अपराधी क्रेडिट एसएमएस भेजकर खातों से रुपए उड़ा रहे हैं. मैसेज आने पर लोग यह समझते हैं कि उनके बैंक से यह मैसेज आया है, जबकि मैसेज साइबर अपराधी की ओर से भेजा गया होता है.
बल्क मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल
इसके लिए वे बल्क मैसेजिंग एप का दुरुपयोग कर रहे हैं. इस एप के माध्यम से एक साथ सैकड़ों लोगों को मैसेज भेजा जा सकता है. इस ऐप के जरिए भेजा गया मैसेज ठीक वैसा ही रहता है, जैसे संबंधित कंपनी या बैंक ने भेजा हो. ये बैंक के नाम, पेटीएम, गूगल पे सहित अन्य वॉलेट कंपनियों के नाम के मैसेज भेजे जाते हैं. ये मैसेज कोडेड होती है. उस मैसेज में एक हेल्पलाइन नंबर भी होता है, जिसपर कॉल कर जानकारी मांगे जाने पर उस मैसेज को फॉरवर्ड करवाकर खातों से रुपए उड़ाए जा रहे हैं. रांची में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनपर साइबर थाने की पुलिस जांच कर रही है.
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क्रेडिट के बाद चेक करने में फंसते हैं लोग
साइबर अपराधियों की ओर से भेजे गए ऐसे मैसेज मिलने के बाद खाताधारी अपना खाता चेक करते हैं. रुपए क्रेडिट नहीं होने पर लोग संबंधित हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करते हैं. इसके बाद साइबर अपराधी खुद को बैंक प्रतिनिधि बताकर मैसेज फॉरवर्ड करवाकर यूपीआई फ्रॉड कर लेता है. जबकि कई बार तो मात्र खातों की डिटेल्स लेकर ही साइबर अपराधी खातों से रुपए उड़ा लेते हैं.
क्या है बल्क मैसेजिंग ऐप
बल्क मैसेजिंग ऐप प्ले स्टोर पर बल्क एसएमएस के नाम से ऐप मौजूद हैं. जिन्हें इंस्टॉल करने के बाद शुल्क लेकर मैसेज का ऑप्शन दिया जाता है. उसमें सैकड़ों नंबर एक साथ इंपॉर्ट कर साइबर अपराधी मैसेज भेजते हैं. मैसेज भेजने वालों का जैसे-जैसे कॉल आता है, वो ठगी के शिकार होते हैं. साइबर थाने की पुलिस अब इस ऐप को बनाने वाली कंपनी को भी मैसेज भेजेगी.
हाल के मामले जिसमें साइबर अपराधियों ने की ठगी
चुटिया के रहने वाले रमेश सिंह को एक मैसेज मिला. उनके खाते में 51 हजार रुपए क्रडिट का मैसेज मिला. उन्होंने अपना खाता चेक किया. चेक करने पर अकाउंट में कोई मैसेज नहीं दिखाई दिया. इसके बाद उन्होंने मैसेज में ही लिखे टोल फ्री नंबर पर कॉल की तो उनसे साइबर फ्रॉड ने पूरी जानकारी लेकर 27 हजार रुपए की निकासी कर ली.
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छात्र से ठगी
डोरंडा के रहने वाले छात्र हिमांशु को पेटीएम वॉलेट पर 2200 रुपए क्रेडिट संबंधित मैसेज मिला. पेटीएम में रुपए ऐड नहीं होने पर टोल फ्री नंबर पर कॉल किया. कॉल कर उसे डिटेल्स लेकर ओटीपी भेजा गया. ओटीपी पूछकर खाते से नौ हजार रुपए उड़ा लिए गए.
जांच का दायरा बैंककर्मियों तक भी पहुंचेगा
रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता के अनुसार, क्रेडिट मैसेज भेजकर रुपए उड़ाने का ट्रेंड चल रहा है. साइबर अपराधी ठीक वैसा मैसेज भेजते हैं, जैसा कंपनी भेजती है. सूचना यह भी है कि साइबर अपराधियों की स्थति में कई बैंक के भी कर्मचारियों की मिलीभगत है. पुलिस वैसे कर्मचारियों की तलाश में जुटी हुई है. हालांकि रांची के सीनियर एसपी कहते हैं कि लोगों को भी अपने खातों के प्रति जागरूक होना होगा. उन्हें ध्यान देना होगा कि कौन सा ऐप जाली है और उसका उपयोग साइबर अपराधी कर रहे हैं.
साइबर टीम कर रही काम: डीआईजी
साइबर अपराधी हर दिन नए तरीके से आम लोगों को ठग रहे हैं. क्रेडिट स्कोर उनका नया तरीका है. जबकि पहले से ही एटीएम और चेक का क्लोन बनाकर लोगों के खातों से पैसे गायब किए जा रहे हैं. रांची रेंज के डीआईजी अमोल वी होमकर के अनुसार साइबर अपराध का दायरा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में सतर्कता बेहद जरूरी है. रांची पुलिस के पास एक ऐसी टीम है, जो लगातार साइबर अपराध के खिलाफ काम कर रही है. कई साइबर अपराधी राजधानी से गिरफ्तार भी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि इसमें अभी बहुत काम करना है और उनकी टीम इसके लिए लगातार प्रयास कर रही है.
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साइबर अपराधियों के ठगी के तरीके
- अलग-अलग मोबाइल नंबरों से फोन कर, बैंक एटीएम बंद होने के नाम पर नंबर मांगना और पैसे ट्रांसफर या ऑनलाइन शॉपिंग कर लेना.
- ठगी के लिए ऐप बनाना, गूगल प्ले स्टोर पर डालना और ऐप के जरिए आईडी पासवर्ड चोरी कर इंटरनेट बैकिंग के जरिए पैसे ट्रांसफर करना.
- क्रेडिट और डेबिट कार्ड के नाम पर लोगों को फांसना, फिर फ्रॉड करना.
- कारोबारी बनकर फोन करना और बैंक से संबंधित सूचनाएं एकत्र करना, फिर एटीएम का पासवर्ड जानना.
- नौकरी दिलाने के नाम पर इंटरनेट पर विज्ञापन जारी करना, बेरोजगारों से पैसे ऑनलाइन वसूलना, पैसे दोगुने करने के नाम पर ठगी करना.
ये हैं बचाव के तरीके
- साइबर अपराध से बचने के लिए अपने मोबाइल नंबर पब्लिक प्लेस में किसी कंपनी के नाम पर मांगे जाने पर बिल्कुल नहीं दें.
- अगर आप मकान बदलते हैं तो अपने घर का वर्तमान पता अपने बैंक को जरूर दें.
- अपने बैंक खाते, क्रेडिट कार्ड को नियमित अपडेट कराते रहें, ताकि यह पता चल सके कि कोई गलत लेन-देन तो नहीं हुआ.
- उन्हीं एटीएम मशीन का उपयोग करें जिसमें सिक्योरिटी गार्ड हो.
- फेसबुक पर अनजान व्यक्ति का फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नहीं करें.
- गूगल पर उपलब्ध बैंकों के ऐप को सावधानीपूर्वक जांच करने के बाद ही प्रयोग करें.
बैंक संबंधित लेन-देन के लिए या फिर किसी अपडेट के लिए नजदीकी बैंक जाकर काम करवाएं. अगर जाने की स्थिति में नहीं हैं तो बैंकों के नंबर पर फोन कर वहां से जानकारी लें और उसके अनुसार काम करें.