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कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने समीक्षा बैठक की, उपायुक्तों को दिए कई दिशा-निर्देश

रांची में सूबे के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने एक समीक्षा बैठक की. इसमें यूरिया के वितरण में गड़बड़ी और पंचायत लेबल पर 1.5-2 लाख तक की कार्यशील पूंजी अलग से देने समेत कई मामलों पर चर्चा की. इसके अलावा कई मामलों पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्तों को जांच करने के आदेश दिये.

Agriculture Minister Badal Patralekh
बैठक करते कृषि मंत्री बादल पत्रलेख

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Published : Sep 14, 2020, 5:27 PM IST

रांची: यूरिया के वितरण से जुड़ी लैंप्स-पैक्स और अन्य सहकारी समितियों को सशक्त बनाने की दिशा में सरकार प्रत्येक चयनित सहकारी समिति को पांच लाख रूपये तक की कार्यशील पूंजी प्रखंड स्तर पर देगी. इसके अलावा पंचायत लेबल पर 1.5-2 लाख तक की कार्यशील पूंजी अलग से दी जायेगी, ताकि यूरिया वितरण में 50 प्रतिशत सहकारिता समितियों की सहभागिता के लक्ष्य को हासिल किया जा सके. जिसको लेकर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने पलामू और हजारीबाग प्रमंडल के सभी जिला के उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की.



यूरिया के वितरण, ट्रांसपोर्टेशन और रैक प्वाइंट के विभिन्न बिंदुओं पर हुई चर्चा के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि यूरिया के खुदरा और होलसेल व्यापारियों की मनमानी और निर्धारित कीमत से ज्यादा की राशि वसूलने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं जो एक चिंतनीय विषय है. उन्होंने कहा कि यूरिया के बड़े रिटेलर्स की शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हो रही हैं कि किसानों को यूरिया ज्यादा कीमत पर देने के साथ-साथ नाॅन सब्सिडाईज्ड जैसे, कैल्शियम, जिंक जैसे सामान को साथ बेचा जा रहा है जिससे किसान आहत हैं. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने विधायक कमलेश सिंह, गढ़वा विधायक भानूप्रताप शाही और विधायक अंबा प्रसाद की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए संबंधित जिला के उपायुक्तों को जांच करने के आदेश दिये. इसके साथ ही खाद के ऐसे थोक विक्रेताओं पर कार्रवाई करने के निदेश दिया है जो निर्धारित मूल्य से ज्यादा कीमत पर यूरिया की बिक्री कर रहे हैं. कृषि मंत्री ने आदेश दिया कि हर एक जिले में यह सुनिश्चित किया जाये कि नाॅन सब्सिडाईज्ड आयटम को सब्सिडाईज्ड आयटम के साथ खरीदने के लिये किसानों को मजबूर न किया जाए.

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कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि यूरिया का कालाबाजारी को रोकने के लिये इंफोर्समेंट मैकेनिज्म तैयार करें. इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि बाॅर्डर एरिया जो उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे प्रदेशों से जुड़े हैं. इसमें लैंप्स-पैक्स के बीच यूरिया का समानुपातिक वितरण हो, उन्होंने कहा कि पैक्स की आड़ में कोई भी बिजनेसमैन यूरिया की कालाबाजारी का फायदा नहीं उठाये. इसका ख्याल रखते हुए कार्यवाही करें. राज्य के किन-किन जिलों में रैक प्वाइंट बनाये जा सकते हैं उसकी मैपिंग का कार्य अविलंब करें ताकि ट्रांसपोर्टेशन के खर्च में कटौती की जा सके. यूरिया का वितरण ई-पाॅश के माध्यम से हो और यूरिया की कालाबाजारी करनेवाले और निर्धारित दरों से उंची दरों पर बेचनेवाले अनुज्ञप्तिधारकों पर कार्रवाई करें. प्रत्येक जिला में इसके लिये उड़नदस्ता टीम का गठन कर जांच कराई जाये.

कृषि मंत्री ने कहा कि अगले वर्ष से यूरिया की कोई भी कमी नहीं रहेगी क्योंकि सिंदरी और दो अन्य प्लांट भी प्रारंभ किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि रैक प्वाइंट की उपलब्धता कम होने की वजह से ट्रांसपोर्टेशन काॅस्ट बढ़ जाता है. इसलिये बोकारो, धनबाद और गिरिडीह में रैक प्वाइंट निर्माण के प्लानिंग के लिये कार्ययोजना बनायें. साथ ही ट्रांसपोर्टेशन और लिफ्टिंग की दरें जो निर्धारित नहीं हैं, उनकी भी गाइडलाईन तैयार करने का निर्देश दिया. इस समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से कृषि सचिव अबूबकर सिद्दिकी, निदेशक मनोज कुमार सहित कई जिलों के उपायुक्त, जिला कृषि पदाधिकारी उपस्थित थे.

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