रांची: यूरिया के वितरण से जुड़ी लैंप्स-पैक्स और अन्य सहकारी समितियों को सशक्त बनाने की दिशा में सरकार प्रत्येक चयनित सहकारी समिति को पांच लाख रूपये तक की कार्यशील पूंजी प्रखंड स्तर पर देगी. इसके अलावा पंचायत लेबल पर 1.5-2 लाख तक की कार्यशील पूंजी अलग से दी जायेगी, ताकि यूरिया वितरण में 50 प्रतिशत सहकारिता समितियों की सहभागिता के लक्ष्य को हासिल किया जा सके. जिसको लेकर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने पलामू और हजारीबाग प्रमंडल के सभी जिला के उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की.
यूरिया के वितरण, ट्रांसपोर्टेशन और रैक प्वाइंट के विभिन्न बिंदुओं पर हुई चर्चा के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि यूरिया के खुदरा और होलसेल व्यापारियों की मनमानी और निर्धारित कीमत से ज्यादा की राशि वसूलने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं जो एक चिंतनीय विषय है. उन्होंने कहा कि यूरिया के बड़े रिटेलर्स की शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हो रही हैं कि किसानों को यूरिया ज्यादा कीमत पर देने के साथ-साथ नाॅन सब्सिडाईज्ड जैसे, कैल्शियम, जिंक जैसे सामान को साथ बेचा जा रहा है जिससे किसान आहत हैं. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने विधायक कमलेश सिंह, गढ़वा विधायक भानूप्रताप शाही और विधायक अंबा प्रसाद की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए संबंधित जिला के उपायुक्तों को जांच करने के आदेश दिये. इसके साथ ही खाद के ऐसे थोक विक्रेताओं पर कार्रवाई करने के निदेश दिया है जो निर्धारित मूल्य से ज्यादा कीमत पर यूरिया की बिक्री कर रहे हैं. कृषि मंत्री ने आदेश दिया कि हर एक जिले में यह सुनिश्चित किया जाये कि नाॅन सब्सिडाईज्ड आयटम को सब्सिडाईज्ड आयटम के साथ खरीदने के लिये किसानों को मजबूर न किया जाए.