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कोरोना इफेक्टः झारखंड स्टेट बार काउंसिल का निर्देश, 9 मई तक न्यायिक कार्य में भाग न लें अधिवक्ता

झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से दूर रहने की अवधि को 9 मई तक बढ़ा दिया है. स्टेट बार काउंसिल ने यह फैसला 2 मई को हुई रिव्यू मीटिंग में लिया है. कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.

Instructions of Jharkhand State Bar Council to Advocates
झारखंड स्टेट बार काउंसिल

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Published : May 3, 2021, 10:30 AM IST

Updated : May 3, 2021, 10:49 AM IST

रांचीः झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने 2 मई रविवार को रिव्यू मीटिंग कर यह निर्णय लिया है कि अधिवक्ता कोरोना संक्रमण से बचें. 9 मई तक अदालती कार्रवाई से दूर रहें. झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्णा ने जानकारी देते हुए कहा कि झारखंड स्टेट बार काउंसिल के पहले लिए गए निर्णय के अनुरूप ही बैठक में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यह विचार किया गया है.

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वर्तमान समय में वकीलों को संक्रमण से बचना जरूरी है. संक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय उनका घर पर रहना होगा. इसलिए काउंसिल ने अगले 9 मई तक अधिवक्ता और अधिवक्ता लिपिक को किसी भी प्रकार की अदालती कार्रवाई में सम्मिलित न होने को कहा है. वह 9 मई तक सभी तरह के अदालती कार्य से बाहर रहेंगे, ताकि कोविड-19 संक्रमण से बचा जा सके. कुछ सदस्यों ने इस निर्णय का विरोध भी किया लेकिन अधिकांश सदस्यों ने इस निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी.

कोविड-19 के संक्रमण से दर्जनों अधिवक्ता संक्रमित हो गए हैं. कई अधिवक्ताओं की मौत भी हो गई है. इसको देखते हुए झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने रिव्यू मीटिंग में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि अभी अधिवक्ताओं को अदालती कार्य में भाग नहीं लेना चाहिए पहले अपने जानमाल की रक्षा करनी चाहिए. इस पर 9 मई तक के लिए अदालती कार्य से अधिवक्ता को बाहर रहने को कहा गया है. 9 मई से पहले फिर रिव्यू बैठक की जाएगी जिसमें निर्णय लिया जाएगा कि कब तक अधिवक्ता अदालती कार्य से दूर रहेंगे.

प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश को पत्राचार

इधर, लोहरदगा जिले में भी कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर अधिवक्ताओं ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है. अधिवक्ताओं ने इस संबंध में प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश को पत्राचार भी किया है, जिसमें प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश से अनुरोध भी किया गया है. अधिवक्ताओं ने इससे पहले दो मई तक अपने आप को न्यायिक कार्य से अलग रखने को लेकर प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश को अनुरोध किया था.

अब अधिवक्ताओं ने अगले 9 मई तक अपने आप को न्यायिक कार्य से अलग रखने को लेकर प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश को पत्राचार किया है. वर्तमान समय में व्यवहार न्यायालय लोहरदगा के कई सदस्य कोरोना से संक्रमित हैं, जिसकी वजह से व्यवहार न्यायालय में ओपन कोर्ट की सुनवाई नहीं हो रही है.

Last Updated : May 3, 2021, 10:49 AM IST

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