रांची:अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता से मेकॉन के सुरक्षाकर्मियों द्वारा धक्का-मुक्की करने और पकड़ने के मामले में डोरंडा थाना में एफआईआर दर्ज कराया है. इसमें मेकॉन के सीएमडी अतुल भट्ट, सीजीएम संजय कुमार सिन्हा, चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर मेजर एसके सिंह, सिक्योरिटी इंचार्ज एनके झा सहित सात को नामजद आरोपित बनाया गया है. जबकि पांच से छह सिक्योरिटी गार्ड को अज्ञात आरोपित बनाया गया है. साथ ही मेकॉन की सुरक्षा एजेंसी एवरेस्ट ह्यूमन रिसोर्स कंसल्टेंट्स के डायरेक्टर और पार्टनर और मेकॉन कंपनी को भी आरोपित बनाया गया है.
अधिवक्ता अभिषेक के अनुसार वे पुंदाग रोड स्थित पर्ल क्रेस्ट अपार्टमेंट में रहते हैं. वे पिछले दो-तीन सालों से मेकॉन ग्राउंड और आसपास मॉर्निंग वॉक के लिए पहुंचते थे. बीते 30 मई 2020 को सुबह करीब 7:15 बजे वह अपनी कार से डिबडीह पुल के नीचे के रास्ते श्यामली स्कूल के पास पहुंचे. उसी दौरान उन्हें मेकॉन के पांच से छह सुरक्षा गार्ड ने रोक लिया. सुरक्षाकर्मियों ने अधिवक्ता से पूछा, क्या आप मेकॉन के कर्मी है ? इससे इनकार किए जाने पर अधिवक्ता को सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया और धक्का-मुक्की शुरू कर दी. इस बीच वहां सिक्योरिटी इंचार्ज एनके झा पहुंचे. इस दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की व हाथापाई करते हुए पकड़ लिया गया. इसकी सूचना अधिवक्ता ने रांची के एसएसपी को दी. एसएसपी को सूचना देने के बाद करीब 40 मिनट बीत गए लेकिन मौके पर कोई नहीं पहुंचा.
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इस बीच उनके पास मौजूद राज्य के डीजीपी के नंबर पर कॉल किया. जिसमें उनकी बात राज्य के तत्कालीन डीजीपी जीएस रथ से हुई. पूर्व डीजीपी ने वर्तमान डीजीपी का नंबर दिया. इस बीच उनके मोबाइल नंबर पर डोरंडा थाना प्रभारी और पेट्रोलिंग पार्टी के पुलिस पदाधिकारी का कॉल आया. कुछ देर में पुलिस की जीप पहुंची. इस दौरान सुरक्षाकर्मी और उसका इंचार्ज वहां से निकल चुका था. सुरक्षा इंचार्ज की तलाश में वे सिक्योरिटी एजेंसी के कार्यालय तक पहुंचे, जहां उन्होंने सिक्योरिटी इंचार्ज सहित अन्य सभी की जानकारी मांगी, लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया. वापस घटनास्थल पर पहुंचे तब सिक्योरिटी इंचार्ज एनके झा ने बताया कि वे मेकॉन के सीएमडी सीजीएम सहित अन्य वरीय अधिकारियों के द्वारा दिए गए आदेश का पालन करवा रहे हैं. पुलिस द्वारा समझाने बुझाने के बाद अधिवक्ता वहां से निकल गए. बाद में उन्होंने डोरंडा थाना प्रभारी को एफआईआर के लिए आवेदन दिया. एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
बता दें कि एफआईआर के अनुसार अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि उन्हें जब मेकॉन परिसर में घूमने से रोका गया और आर्डर की बात कही गई तो उन्होंने संबंधित आर्डर और कानून की कॉपी मांगी. इसके बाद उनके साथ बदसलूकी की गई, उन्हें गलत तरीके से अरेस्ट किया गया. जबकि सुरक्षाकर्मियों को अरेस्ट करने का अधिकार नहीं. किसी परिस्थिति में सुरक्षाकर्मियों को पुलिस को बुलाने का अधिकार है.