झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

170 करोड़ का घोटालाः रांची में निरंजन के ठिकानों पर एंटी करप्शन ब्यूरो की छापेमारी

acb raid in ranchi
रांची में एसीबी की छापेमारी

By

Published : May 29, 2020, 12:58 PM IST

Updated : May 29, 2020, 3:24 PM IST

12:47 May 29

170 करोड़ का घोटालाः रांची में निरंजन के ठिकानों पर एंटी करप्शन ब्यूरो की छापेमारी

रांचीः 170 करोड़ रुपए के घोटाला मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने अपनी दबिश डालनी शुरू कर दी है. एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम इस मामले की जांच शुरू करते हुए जरेडा कार्यालय में छापेमारी कर रही है. डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम डोरंडा स्थित जरेडा के कार्यालय में निरंजन कुमार से जुड़े फाइलों को खंगाल रही है. निरंजन कुमार के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जांच का आदेश दिया था. जिसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम उनके कार्यालय और ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.

मिली जानकारी के अनुसार एंटी करप्शन ब्यूरो की एक टीम निरंजन के दूसरे ठिकानों पर भी छापेमारी रही है. वहीं कार्यालय में छापेमारी के दौरान घोटालों से संबंधित फाइल को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने जब्त कर लिया है.

क्या है पूरा मामला

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने इंडियन पोस्ट एंड टीसी एकाउंटेंस एंड फाइनेंस सर्विस के अधिकारी निरंजन कुमार के खिलाफ गुरुवार को ही पीई दर्ज किया था. निरंजन कुमार के खिलाफ 170 करोड़ रुपए की अनियमितता को लेकर पीई दर्ज की गई थी.

क्या है आरोप

निरंजन कुमार के खिलाफ आरोप है कि वह अपने पहुंच के बल पर जेयूएसएनएल और जरेडा के निदेशक बन गए. जबकि निदेशक बनने के लिए वह कोई भी तकनीकी अहर्ता पूरी नहीं कर रहे थे. इसके बावजूद वे अपने पद पर बने रहे. इस मामले में एसीबी डीजी जी ने आदेश दिया है कि 2 हफ्ते में पीई की जांच पूरी कर इस संबंध में आगे के तथ्यों की जानकारी जुटाकर एफआइआर दर्ज की जाए. निरंजन कुमार पर आरोप यह भी है कि वह पद पर रहने के दौरान अवैध तरीके से अपने वेतन की निकासी तो की ही, साथ-साथ विभिन्न बैंकों के खातों में उन्होंने 170 करोड़ रुपये का भुगतान किया. वहीं उन्होंने सपरिवार कई बार विदेश भ्रमण भी किया. सरकारी पद पर होने के बावजूद उन्होंने कभी भी पत्नी की अर्जित संपत्ति की कोई जानकारी नहीं दी. सरकार द्वारा पूर्व में कराई गई विभागीय जांच में यह बात सामने आई थी कि टेंडर में मनमानी कर निरंजन कुमार के द्वारा विशेष कंपनी को फायदा पहुंचाया गया था. वहीं कई टेंडरों में बगैर बोर्ड के सहमति के भी निविदा की शर्ते बदल दी गई थी.

पूर्व में नहीं मिली थी जांच की अनुमति

निरंजन कुमार के खिलाफ पूर्व में भी एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच की सहमति सरकार से मांगी थी. लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने जांच की अनुमति नहीं दी. अब चुकि सरकार की तरफ से निरंजन कुमार के खिलाफ जांच की अनुमति मिल गई है. ऐसे में एंटी करप्शन ब्यूरो ने पीई दर्ज की है. जांच रिपोर्ट के आधार पर दो हफ्ते के बाद एफआइआर दर्ज की जाएगी.

Last Updated : May 29, 2020, 3:24 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details