पलामू: लोकसभा चुनाव में मंडल डैम बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना था. बीजेपी ने इसे अपनी उपलब्धि बताते हुए मंडल डैम के नाम पर वोट मांगे. प्रचार के दौरान पक्ष और विपक्ष सभी नेताओं की जुबान पर मंडल डैम था. अब कुछ महीने में झारखंड विधानसभा चुनाव होना है. एकबार फिर यह मुद्दा गर्माने लगा है.
पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास
पांच जनवरी 2019 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंडल डैम के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए शिलान्यास किया था. शिलान्यास के नौ महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है. 31 अगस्त को पलामू में एक सभा के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंच से कहा कि मंडल डैम पर काम तेजी से चल रहा है. यह भाजपा की उपलब्धि है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रघुवर सरकार की देन है.
9 महीने बाद भी नहीं शुरू हुआ काम
जेपी नड्डा के दावों की हकीकत जानने राज्य के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री सह कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी मंडल डैम पंहुचे. मंडल डैम पर कोई भी काम शुरू नहीं हुआ है. केएन त्रिपाठी ने कहा कि भजपा मंडल डैम के मामले में लोगों से झूठ बोल रही है. अभी तक एक ईंट भी नहीं जोड़ी गयी है. उन्होंने कहा कि मंडल डैम पर काम शुरू करने से पहले सरकार पलामू, गढ़वा और लातेहार को भी पानी देने की व्यवस्था करे. इतना ही नहीं डूब क्षेत्र के जो भी लोग हैं, उन्हें नियम के अनुसार मुआवजा दिया जाए.
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1972 में शुरू हुआ था मंडल डैम का काम
मंडल डैम का निर्माण कार्य 1972 में शुरू हुआ था. 1998 में नक्सलियों ने मंडल डैम के अधीक्षण अभियंता बैजनाथ मिश्र की हत्या कर दी थी. उसके बाद से इसका निर्माण कार्य बंद था. परियोजना की शुरुआत 30 करोड़ रुपए से की गई थी. अब तक इस परियोजना में 769 करोड़ रुपए खर्च हो गए हैं. वर्तमान में इसके लिए 1622 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. मंडल डैम परियोजना से 3.90 लाख हेक्टेयर बिहार में, जबकि 49 हजार हेक्टेयर झारखंड में जमीन की सिंचाई होनी है.