पलामू:माओवादियो के मध्यजो के प्रवक्ता सह रीजनल कमांडर विनय यादव उर्फ मुराद उर्फ गुरुजी ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने कई बड़े खुलासे किए हैं (Maoist commander Vinay made important revelations ). विनय को कुछ दिनों पहले झारखंड और बिहार पुलिस ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर गिरफ्तार किया है. विनय यादव उर्फ मुराद मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद के देउरा का रहने वाला है.
टॉप माओवादी कमांडर विनय ने सुरक्षाबलों के सामने किए अहम खुलासे, जल्द पलामू पुलिस लेगी रिमांड
सुरक्षाबलों की गिरफ्त में टॉप माओवादी कमांडर विनय ने कई अहम खुलासा किए हैं (Maoist commander Vinay made important revelations ). बिहार के रहने वाला विनय माओवादियों को मार्क्सवाद और लेनिनवाद के बारे में बताता था यही वजह है कि उससे वे गुरुजी के नाम से बुलाते थे.
माओवादी विनय यादव ने मगध यूनिवर्सिटी से बीएससी किया था, उसके बाद उसने एमएड किया था. इसके बाद वह 2003- 04 में माओवादी संगठन में शामिल हो गया है. संगठन में शामिल होने के बाद विनय माओवादियों को मार्क्सवाद लेनिनवाद समझाता था और उनकी क्लास लेता था. यही कारण था कि माओवादी उसे गुरुजी कहते थे. मीडिया में या किसी तरह का बयान विनय यादव ही मानस के नाम से जारी करता था. जल्द ही पलामू पुलिस टॉप माओवादी कमांडर विनय यादव उर्फ मुराद उर्फ गुरुजी को रिमांड पर लेनी वाली है.
विनय यादव ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया है कि संदीप यादव की मौत के बाद माओवादियों को आशंका थी कि सुरक्षाबल अभियान शुरू करेंगे. इन्हीं आशंकाओं के बीच पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा ने सभी को इलाका छोड़ने के निर्देश दिए थे और वह उतर बिहार के इलाके में चला गया. वहां से उसे सारंडा जाना था, वह खुद वहां से निकल कर अपने करीबियों के यहां रह रहा था. उसने बताया कि संदीप की जगह गौतम पासवान या चार्लिस को नया इंचार्ज बनाया जाना था.
संदीप के पास लेवी से लेकर हथियार तक कि रहती थी जानकारी:विनय यादव उर्फ मुराद ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया है कि संदीप यादव के पास पूरे संगठन के हथियार और लेवी की रकम के बारे में जानकारी रहती थी. माओवादी संदीप के माध्यम से ही हथियार को मंगवाते थे, जबकि चार्लीस किताब और यूट्यूब देख हथियारों को विकसित करता है. माओवादी इंप्रोवाइज्ड मिसाइल विकसित करने की तैयारी कर रहे थे, हर बार प्रयास असफल रहा था. विनय यादव ने बताया है कि झारखंड बिहार में जहां भी माओवादियों को पैसे की जरूरत होती थी संदीप यादव भेजता था. माओवादी के पास दो सेफ थे जिसमें लाखों रुपए जमा रहते थे इस सेफ की चाबी और जानकारी संदीप यादव के पास ही रहती थी.