पलामूः स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 नाम की दुर्लभ बीमारी से जूझ रही झारखंड के पलामू की रहनेवाली दो साल की सृष्टि रानी को नयी जिंदगी देने के लिए कोल इंडिया आगे आया है. मासूम बच्ची को लगने वाले इंजेक्शन के लिए कंपनी ने 16 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मंजूर की है. सृष्टि के पिता सतीश कुमार रवि ने ईटीवी भारत को फोन के जरिए इसकी जानकारी दी. उन्होंने कोल इंडिया के साथ मीडिया और दूसरे मददगारों को धन्यवाद दिया है.
ये भी पढ़ें- सलामत रहे सृष्टि: गंभीर बीमारी से जूझ रही है 14 महीने की मासूम, आपकी एक मदद से बच सकती है जिंदगी
अमूमन छोटे बच्चों में होने वाली इस बीमारी में स्पाइनल कॉर्ड और ब्रेन स्टेम में नर्व सेल की कमी से मांसपेशियां सही तरीके से काम नहीं कर पातीं और धीरे-धीरे यह बीमारी प्राणघातक होती चली जाती है. सृष्टि करीब 10 महीने से वेंटीलेटर पर है. स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी दुर्लभ बीमारी है. इसका इलाज बेहद ही महंगा है और इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन ‘जोलजेंस्मा' की कीमत करोड़ों में है. इसके इलाज के लिए यूएस से इंजेक्शन मंगाया जाता है, जिसकी कीमत 22 करोड़ रुपए है. टैक्स में राहत के बाद इसकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए हो जाती है. उम्मीद है कि दो से तीन हफ्ते के भीतर सृष्टि को यह इंजेक्शन लग जाएगा.
कोल इंडिया ने की मदद
सृष्टि के पिता सतीश कुमार रवि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में साउथ इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) में काम करते हैं. एसईसीएल बिलासपुर में जनसंपर्क अधिकारी सनीश चंद्र ने ईटीवी भारत को बताया कि बताया कि कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद कुमार अग्रवाल की ओर से 16 करोड़ की सहायता राशि की स्वीकृति का पत्र बुधवार को एसईसीएल पहुंचा है. बताया जा रहा है कि किसी एक व्यक्ति के लिए इलाज के लिए यह कंपनी की ओर से अब तक का सबसे बड़ा अनुदान है.