दुमका:केंद्र या राज्य सरकार पर्यावरण सुरक्षा के प्रति काफी गंभीर है, लेकिन दुमका में यह गंभीरता दिखाई नहीं देती. दुमका-देवघर मुख्य मार्ग पर बाबूपुर गांव में कई राइस मिल हैं. उससे जो राख निकलता है उसके निपटारे की उचित व्यवस्था नहीं की गई है. इस राख को दुमका-देवघर मुख्य सड़क के किनारे के जलाशयों में डाला जा रहा है. इससे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है.
हवा में घुलते जहर से टूट रही सांसों की डोर, प्रशासन अनजान या फिर जानबूझ कर मौन?
एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेरिस में जलवायू परिवर्तन और प्रदूषण पर दुनिया को LIFE का मंत्र दे रहे हैं. वहीं दूसरी ओर अपने ही देश में नियम और कानून को ताक पर रख पर प्रदूषण फैलाया जा रहा है जिससे लोग बीमार हो रहे हैं.
पुसारो और महारो नदी में डाला गया राख
इस राइस मिल के पहले पुसारो नदी बहती है जबकि आगे महारो नदी है. मिल से निकलने वाले राख और कचरे को इन्हीं दोनों नदियों में डाल दिया जाता है जिससे इसका जल प्रदूषित हो रहा है. महारो नदी की तो स्थिति ये हो गई है कि राख और कचरा डालने से वह सिकुड़ता जा रहा है और उसकी धारा जो अविरल बहती थी वह खत्म हो रही है. यह छोटी सी नदी नाले के रूप में परिवर्तित हो रही है.
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दुमका-देवघर मुख्य मार्ग पर सड़क के किनारे नजर आता है राख का ढेर
दुमका से देवघर और दुमका से जो भागलपुर की ओर सड़क जाती है उसमें बाबूपुर गांव से लेकर महारो मोड़ तक सड़क के दोनों और राख के ढेर नजर आते हैं. पर्यावरण को हो रहे नुकसान के संबंध में स्थानीय लोगों और राहगीरों का कहना है कि इससे काफी परेशानी होती है. दिन भर राख उड़ता रहता है जो लोगों के आंखों में जाता है, इससे आंखें तो खराब होता ही है साथ ही साथ दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है. इसके अलावा ये राख सांस के जरिए फेफड़ों में जाता है जिससे कई बीमारियां होती है. जिनको पहले सांस की बीमारी है उनको काफी परेशानी होती है. लोगों का कहना है कि कई बार उन्होंने इसका विरोध भी किया लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. प्रशासन की ओर से भी कोई देखने वाला नहीं कोई सुनने वाला नहीं, लोगों का कहना है कि सरकार इस पर आवश्यक पहल करें ताकि इस तरह से जल और वायु प्रदूषित न हो.
क्या कहते हैं दुमका सांसद
इस तरह प्रदूषण को रोकने के लिए दुमका में झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद का रीजनल ऑफिस है. इसके अधिकारी कमलाकांत पाठक से पूछे जाने पर उन्होंने फोन पर जानकारी दी कि बात उनके संज्ञान में आई है आवश्यक पहल की जाएगी. हालांकि ये हैरान करने वाला है कि जिले के प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी को इस बारे में जानकारी नहीं है क्यों ये उनकी ही जिम्मेदारी है कि मिल से किसी तरह का प्रदूषण हो रहा है या नहीं वह इस पर नजर रखें. हालांकि इस पूरे मामले पर दुमका सांसद सुनील सोरेन से बात की गई तो उनका कहना है कि प्रदूषण फैलने से काफी नुकसान हो रहा है और इसे रोकने के लिए वे जिले के उपायुक्त से बात करेंगे.