पलामू:मामी और भांजा के प्यार में मामा पर फायरिंग के मामले में पुलिस ने शूटरों के घर से हथियार और कारतूस बरामद किया है. मेदिनीनगर टाउन थाना (medininagar town police station) की पुलिस ने गोलीकांड मामले में शामिल सभी चार आरोपियों को 48 घंटे की रिमांड पर लिया है. रिमांड पर लेने के बाद पुलिस ने घटना में शामिल आरोपी मंजर के घर से हथियार को बरामद किया.
मामी और भांजा के प्यार में फायरिंग मामला: रिमांड पर लिए गए शूटरों के घर से बरामद हुआ हथियार, दी गई थी 3.5 लाख की सुपारी
मेदनीनगर टाउन थाना पुलिस ने मामी और भांजा के प्यार में फायरिंग मामले का खुलासा कर दिया है (police disclosed shooting incident). इस मामले में रिमांड पर लिए गए शूटरों के घर से हथियार बरामद कर लिया गया है. गोली मारने के लिए आरोपी भांजे ने ही शूटरों को हथियार उपलब्ध करवाया था.
टाउन थानेदार अभय कुमार सिन्हा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस रिमांड पर लेने के बाद सभी से पूछताछ की जा रही है. 17 अगस्त को पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में टेलर कारोबारी तौहीद आलम को गोली मार दी गई थी. इस हमले में तौहीद आलम को 5 गोलियां लगी है. फिलहाल तौहीद आलम का इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है. पुलिस के अनुसार तौहीद आलम की पत्नी गौसिया परवीन और उसके भांजे मोहम्मद इरशाद के बीच प्रेम प्रसंग था. इसी प्रेम प्रसंग मे मोहम्मद इरशाद पर शूटरों के माध्यम से गोली चलावाई थी.
पुलिस गौसिया परवीन और मोहम्मद इरशाद को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है, बाद में गोली चलाने वाले दो शूटर मोहम्मद बेताब और जुम्मन में मंगलवार को पलामू कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है. रिमांड पर शूटर जुम्मन ने पुलिस को बताता है कि इरशाद ने ही शूटरों को हथियार उपलब्ध करवाया था. चार दिनों तक शूटरों ने तौहीद आलम की रेकी की, उसके बाद उसे गोली मारी. घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी शूटर बेताब और जुम्मन फरार हो गया. हालांकि बढ़ते पुलिस के दबाव के कारण दोनों ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया.
पुलिस के अनुसार गौसिया परवीन और मोहम्मद इरशाद के बीच चल रहे प्रेम प्रसंग की जानकारी तौहीद आलम को हो गई थी. जिसके बाद तौहीद आलम अपनी पत्नी को प्रताड़ित कर रहा था. कुछ महीने पहले तौहीद आलम और भांजे इरशाद के साथ तू-तू मैं-मैं हुई थी. जिसके बाद हत्या की योजना तैयार की गई. तौहीद आलम की हत्या के लिए मोहम्मद इरशाद में अपने दोस्त के साथ मिलकर बेताब और जुम्मन को 3.5 लाख की सुपारी दी थी.