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पलामू लॉकर घोटाला: दो किलो सोने के जेवरात की हुई पहचान, 100 ग्राम के दावेदार नहीं आए सामने

पलामू लॉकर घोटाला मामले में जब्त जेवरातों की पुलिस टेस्ट आइडेंटिफिकेशन परेड (identification parade of jewelries ) की गई. जिसके बाद 2100 ग्राम सोने के जेवरात में 2 किलो सोने के दावेदार सामने आ गए हैं. जबकि 100 ग्राम सोने की पहचान अबतक नहीं हो पाई है. कोर्ट ने 8 दिसंबर को पलामू पुलिस को टीआईपी के लिए अनुमति दी थी. जिसके बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू की और गहनों की पहचान की. एसपी ने उदभेदन करने वाली पुलिस टीम की सराहना की है.

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Published : Dec 12, 2021, 8:09 PM IST

Palamu locker scam
Palamu locker scam

पलामू:देशभर में चर्चित पलामू लॉकर घोटाला मामले में पलामू पुलिस ने आइडेंटिफिकेशन परेड (टीआईपी) करवाया है. जिसमें जब्त 2100 ग्राम सोने के जेवरात में 2 किलो सोने के दावेदार सामने आ गए हैं. जबकि 100 ग्राम सोने की पहचान नहीं हो पाई है. पूरे मामले को लेकर पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पलामू लॉकर घोटाला होने के बाद उसका खुलास करना बड़ी चुनौती थी लेकिन एसआईटी ने काम ठीक से किया. उन्होंने बताया कि टीआईपी के बाद अब सभी पीड़ितों को कोर्ट से सोने के जेवरात दिए जाएंगे.

पुलिस टेस्ट आइडेंटिफिकेशन परेड (identification parade of jewelries ) के दौरान जिनके गहनों की पहचान हुई है उनमें पीड़ित रमन किशोर सिंह के 99, वीके चौबे के 95, वेद प्रकाश शुक्ला का 80 प्रतिशत जेवरात की पहचान हुई है. अन्य पीड़ितों 40 से 50 प्रतिशत जेवरात शामिल हैं. सदर अंचल अधिकारी की मौजूदगी में पलामू पुलिस ने शनिवार और रविवार को जब्त जेवरातों की टीआईपी हुई.

ये भी पढ़ें:पलामू लॉकर घोटाला: कोर्ट की अनुमति के बाद पुलिस ने शुरू की पलामू में गहनों की पहचान परेड, जिले के डालटनगंज शाखा में लॉकर घोटाला का है मामला

यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (वर्तमान में पंजाब नेशनल बैंक का अंग) के डालटनगंज शाखा में लॉकर घोटाला हुआ था. यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर से गायब सोने के गहनों को मुथूट फाइनक्रॉप नाम की कंपनी और ICICI बैंक में गिरवी रखा गया था. बैंक के लॉकर नंबर 23, 24, 28, 46, 53, 54 और 72 से जेवरात गायब किए गए थे.

मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए बैंक के मैनेजर और डिप्टी मैनेजर समेत 15आरोपियों को गिरफ्तार कर अब तक भेज चुकी है. इन्होंने लॉकर की डुप्लीकेट चाबी बना कर पलामू में लॉकर घोटाला को अंजाम दिया गया था. पूरे मामले में डिप्टी मैनेजर और बैंक के दैनिक भोगी कर्मचारी मुख्य आरोपी हैं. डिप्टी मैनेजर ने ही मुख्य आरोपी रिशु को जेवरात दिए थे. पलामू पुलिस लॉकर घोटाले के मुख्य आरोपी रिशु की पत्नी को भी आरोपी बना सकती है. फिलहाल रिशु पत्नी समेत फरार है.

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