पलामूःचर्चित मंडल डैम के निर्माण कार्य के लिए पेड़ों के काटने पर सहमति नहीं बनी है. हालांकि पेड़ों को काटने के लिए कमेटी का विस्तार कर दिया गया है. कमेटी में 3 नए सदस्य जोड़े गए हैं जबकि कार्यकाल 15 सितंबर तक बढ़ा दिया गया है. कमेटी की अंतिम बैठक 14 अगस्त को हुई जिसमें पेड़ो के काटने पट सहमति नही बनी. मामले में कमेटी अब अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंपेने की तैयारी कर रही है.
मंडल डैम के अधूरे कार्यों को पूरा करने की परियोजना का शिलान्यास देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2019 मे किया था. मंडल डैम के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए 3,44,644 पेड़ो को काटने का प्रस्ताव था. उस दौरान कमेटी का गठन किया था, जिसमें पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक, डीएफओ लातेहार, पीटीआर के उपनिदेशक शामिल थे. अब इस कमेटी में आईएफपी रांची के निदेशक, वन्य प्राणी संस्थान देहरादुन के निदेशक, आईसीएफआर के निदेशक शामिल हैं. मंडल डैम के लिए जिस इलाके में पेड़ काटा जाना है वह इलाका पलामू टाइगर रिजर्व का है. पूरा जंगल साल (सखुआ) का है. मामले में जल संसाधन विभाग ने पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों से पेड़ काटने के लिए अनुमति मांगी थी. जिसके बाद मंडल डैम का निर्माण कार्य 70 के दशक से शुरू हुआ था, लेकिन 1993 से निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप है.
लॉकडाउन के कारण कैमूर बांध का नहीं लिया जा सका जायजा
मंडल डैम परियोजना से जुड़ी कमेटी पेड़ों को काटने को लेकर बिहार के कैमूर डैम का जायजा लेने वाली थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण कमेटी बांध का जायजा नहीं ले पाई. मंडल डैम के इलाके में जो 3,44,644 पेड़ काटे जाने हैं. वे एक हजार एकड़ से भी अधिक में फैले हुए हैं. एक भाग लातेहार में है, जबकि दूसरा भाग गढ़वा जिला में है. वन विभाग ने पेड़ काटने के बाद करीब 5,000 एकड़ में 15 लाख से भी अधिक में पेड़ लगाने की योजना तैयार किया है.