पलामू:जिले केनावाजयपुर थाना क्षेत्र की रहने वाली एक नाबालिग कापहले उसके प्यार ने साथ छोड़ा, उसके बाद वो गर्भवती हुई तो परिजनों ने भी साथ छोड़ दिया. नाबालिग ने अपने हक और अधिकार की कानूनी लड़ाई के लिए उज्ज्वला गृह में पनाह लिया. जहां वो बिन ब्याही मां बन गई. वहीं अब नाबालिग के तीन महीने के बच्ची की भी मौत हो गई. लेकिन उसका संघर्ष अब भी जारी है.
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पलामू के चैनपुर में संचालित उज्जवला गृह में एक बिन ब्याही मां के तीन महीने के बच्चे की मौत हो गई. उज्ज्वला गृह प्रबंधन ने शव के पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार ने तीन महीने के बच्चे की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि अंतिम संस्कार कर दिया गया है.
आरोपी को भेजा गया जेल
बिन ब्याही मां पलामू के नावाजयपुर थाना क्षेत्र की रहने वाली है. मई महीने में नाबालिग ने टाउन महिला थाना में शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसमें उसने बताया कि शादी का झांसा देकर उसके पड़ोसी ने ही उसके साथ यौन शोषण किया. दोनों दक्षिण भारत में नौकरी भी करते थे. घर वापस आने के बाद प्रेमी ने शादी का आश्वासन दिया था. इसी बीच युवती गर्भवती हो गई. लेकिन प्रेमी ने उसे नहीं अपनाया और दूसरी लड़की के साथ शादी कर ली. पूरे मामले में महिला थाना ने कार्रवाई करते हुए आरोपी युवक को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
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परिजनों ने अपनाने से किया इनकार
नाबालिग को गर्भवती होने के बाद प्रेमी के साथ-साथ उसके परिजनों ने भी अपनाने से इंकार कर दिया था. बाद में प्रशासनिक पहल पर उसे उज्ज्वला गृह में रखा गया था. तीन महीने पहले युवती ने एक बच्चे को जन्म दिया था. जिसकी मौत हो गई.