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Published : Apr 25, 2020, 8:32 AM IST

Updated : Apr 25, 2020, 12:36 PM IST

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जमशेदपुरः कोरोना पॉजिटिव आरपीएफ जवान मिलने से हड़कंप, घाटशिला में था पोस्टेड

पूर्वी सिंहभूम में घाटशिला आरपीएफ बैरक में आरपीएफ जवान के कोरोना वायरस पुष्टि के बाद जिला प्रशसान में हड़कंप मच गया है. उपायुक्त ने बैरक में तैनात 41 अधिकारी व जवानों का सैंपल लेकर जांच के लिए एमजीएम भेज दिया है.

RPF Jawan Corona Positive in jamshedpur
आरपीएफ जवान कोरोना पोजिटिव

जमशेदपुरः पूर्वी सिंहभूम में घाटशिला आरपीएफ बैरक में कोरोना पॉजिटिव आरपीएफ जवान मिलने से हड़कंप मच गया. इसकी पुष्टि होने के बाद उपायुक्त रविशंकर शुक्ला, सीनियर एसपी अनूप बिरथरे और उनकी पूरी टीम घाटशिला पहुंची और आरपीएफ के बैरक में मामले की जानकारी ली.

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इसके बाद उपायुक्त ने बैरक में तैनात 41 अधिकारी समेत सभी जवानों का सैंपल लेकर जांच के लिए एमजीएम भेज दिया और सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्टेशन परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन करवा दिया है. आरपीएफ जवान को आदेश दिया है कि बैरक से बाहर न निकले.

घाटशिला में भी कोरोना पॉजिटिव मरीज पाया गया. उसकी पोस्टिंग घाटशिला में ही थी. उसे व एक और जवान को यहां से दिल्ली गये 26 जवानों की टीम के साथ भेजा गया था. कई जवानों को खड़गपुर से भी ले जाया गया था, ताकि सामान और गोला बारूद लाया जा सके. इस बीच वहां से टीम आयी तो जो लोग खड़गपुर में थे, उनका टेस्ट हुआ. टेस्टिंग में 8 मरीजों में पॉजिटिव पाया गया.

इसके बाद सनसनी फैल गयी. इसके बाद पता चला कि घाटशिला आरपीएफ बैरक में भी दो जवानों को वहां भेजा गया था. आनन-फानन में आरपीएफ के आला अधिकारियों ने दोनों का टेस्ट कराने के लिए खड़गपुर भेज दिया. इस बीच वे लोग दिल्ली से लौटकर 14 अप्रैल से लेकर 20 अप्रैल तक घाटशिला के बैरक में ही 21 जवानों के साथ ही रहे थे.

दोनों जवानों की पोस्टिंग भी घाटशिला में ही थी. चूंकि, घाटशिला स्टेशन का एरिया रेलवे के जोन के हिसाब से खड़गपुर डिवीजन में आता है, इस कारण उसकी चेकिंग करने के लिए वापस खड़गपुर भेज दिया गया, जिसकी रिपोर्ट 24 अप्रैल की सुबह आयी, जिसमें से एक जवान जिसकी घाटशिला में पोस्टिंग थी, वह पॉजिटिव पाया गया.

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आरपीएफ अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आयी
घाटशिला रेलवे स्टेशन में पदस्थापित आरपीएफ जवान को घाटशिला से दिल्ली भेजा गया. दिल्ली जाने के बाद वह वापस लौटा तो खड़गपुर में सभी जवानों को टेस्ट हुआ, लेकिन घाटशिला आने वाले दोनों जवानों का टेस्ट नहीं किया गया.

पहले जब सभी जवानों का टेस्ट होना था तो उनको भी वहीं रखा जाता ताकि अगर संक्रमण होता तो ज्यादा नहीं फैल पाता, लेकिन संक्रमित होने के बावजूद वह जवान बिना टेस्ट के ही घाटशिला आ गया. जवान या उसके साथी जवानों को भी नहीं मालूम था कि वह पॉजिटिव है तो सामान्य तरीके से रह रहा था.

जब खड़गपुर में पॉजिटिव आ गया, तब जवान को क्वारंटाइन तो किया गया, लेकिन इसकी जांच जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में नहीं की गई, जबकि पूरे झारखंड में सबसे पहले एमजीएम अस्पताल में ही टेस्टिंग की सुविधा शुरू की गयी थी.

इसके बाद संक्रमित जवान को मालगाड़ी से ही सही खड़गपुर ले जाया गया. इस बीच उसने पूरा बैरक से लेकर स्टेशन की यात्रा पूरी की. स्टेशन से लेकर ट्रेनों पर चढ़ा. खड़गपुर में टेस्ट हुआ, तब सामने आया कि जवान पॉजिटिव है.

डीसी रविशंकर शुुक्ला का बयान
दूसरी ओर जमशेदपुर डीसी रविशंकर शुक्ला ने इस मामले में बात की. उन्होंने बताया कि घाटिशला आरपीएफ बैरक में जवान डयूटी करता था. वह यहां रहा था. इसके बाद से सैनिटाइजेशन का काम चल रहा है. उसकी जांच खड़गपुर में हुई है. यह मामला खड़गपुर का है, पूर्वी सिंहभूूम जिले में वह डयूटी करता था. डयूटी के दौरान वह पॉजिटिव था या नहीं, यह कहा नहीं जा सकता, लेकिन मरीज का इलाज और टेस्टिंग खड़गपुर में हो रहा है.

घाटशिला में सतर्कता के तौर पर जरूर सफाई और सैनिटाइजेशन और साथी जवानों का सैंपलिंग किया जा रहा है. पॉजिटिव पाये गये मरीज के साथ जो व्यक्ति आया था, वह नेगेटिव पाया जा चुका है. इस कारण यह नहीं कहा जा सकता है कि यह मामला पूर्वी सिंहभूम जिले का है. यह तब होता, जब उसका सैंपल यहां लिया जाता और यहीं पर इलाज होता. उसका सैंपल खड़गपुर में ही लिया गया और वहीं पर इलाज चल रहा है.

Last Updated : Apr 25, 2020, 12:36 PM IST

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