जमशेदपुरः मंकी पॉक्स को लेकर पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन अलर्ट है. सिविल सर्जन ने बताया कि मंकी पॉक्स तेजी से फैलता है. इससे बचाव और रोकथाम के लिए ऐहतियात बरतने की जरूरत है. झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिशा निर्देश दिए गए हैं, जिसके अनुरूप काम किया जा रहा है.
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सिविल सर्जन ने सभी अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया कि किसी मरीज में मंकी पॉक्स का लक्ष्ण दिखता है, तो तत्काल इसकी सूचना दें. वहीं इस बीमारी से बचाव और रोकथाम के साथ साथ जांच और इलाज के लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिला को पत्र जारी कर अलर्ट किया गया है. सिविल सर्जन डॉ जुझार मांझी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने बताया कि मंकी पॉक्स जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी है. इसके लक्षण चेचक जैसे है. इसमें बुखार, सर दर्द, बदन दर्द, थकान जैसा महसूस हो और शरीर पर चकत्ते बन जाए, तो तत्काल डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि विदेश यात्रा से लौटने वाले व्यक्ति पर विशेष नजर रखी गई है.
सिविल सर्जन ने कहा कि विदेश यात्रा से लौटे व्यक्ति 21 दिनों के भीतर बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द और कमजोरी महसूस करते हैं तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर इलाज कराना सुनिश्चित करें. पूर्वी सिंहभूम जिला में अब तक मंकी पॉक्स का एक भी मामला सामने नहीं आया है. लेकिन सभी अस्पतालों में 5 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, ताकि आपात स्थिति में इलाज के लिए परेशानी नहीं हो सके.
बता दें कि कोरोना संक्रमण के बाद अब दुनिया मे मंकी पॉक्स तेजी से फैल रहा है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अब तक 74 देशों में यह संक्रमण फैल चुका है. WHO ने मंकी पॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है. दुनियाभर में अब तक मंकी पॉक्स के 16 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. भारत में केरल, तेलेंगाना और दिल्ली में मंकी पॉक्स की पुष्टि की जा चुकी है.