जमशेदपुर: कोल्हान की राजनीति में जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा पर सबकी निगाहें रहती हैं. साल 1977 से यह विधानसभा सीट भाजपा के पाले में रही है. भाजपा के वरिष्ठ नेता इसका कारण पार्टी की विचारधारा और क्षेत्र के विकास को मानती है. हालांकि दूसरे राजनैतिक दल के नेता इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हैं.
वीडियो में देखें पूरी खबर कोल्हान की 14 विधानसभा सीटों में जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा पर 1977 से जनता पार्टी का कब्जा रहा है. 1980 में जनता पार्टी का नाम बदलकर भारतीय जनता पार्टी किया गया. 1980 में विधानसभा चुनाव हुआ और फिर भाजपा ने इस विधानसभा में अपनी जीत सुनिश्चित कर ली. इसके बाद यह सिलसिला मौजूदा समय में भी बरकरार है. सिर्फ 1985 में एक बार कांग्रेस ने पूर्वी विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी.
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- 1977 जनता पार्टी विधायक दीनानाथ पांडेय
- 1980 भाजपा विधायक दीनानाथ पांडेय
- 1985 कांग्रेस विधायक डी नरीमन
- 1990 भाजपा विधायक दीनानाथ पांडेय
- 1995 भाजपा विधायक रघुवर दास
- 2000 भाजपा विधायक रघुवर दास
- 2005 भाजपा विधायक रघुवर दास
- 2009 भाजपा विधायक रघुवर दास
- 2014 भाजपा विधायक रघुवर दास
जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा की आबादी करीब साढ़े चार लाख है. इनमें 2 लाख 93 हजार मतदाता हैं. 40 सालों से जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट पर नेतृत्व का मौका जनता ने बीजेपी को दिया है. मौजूदा वक्त में इस विधानसभा सीट से विधायक झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास हैं.
भाजपा के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर मिश्रा के मुताबिक, पार्टी की विचारधारा और क्षेत्र में विकास कार्य को देख जनता भाजपा का समर्थन करती है. उन्होंने कहा कि इस विधानसभा सीट पर भाजपा के कार्यकर्ता सक्रिय हैं, अपने पार्टी के प्रति समर्पित हैं. उन्होंने बताया कि जनता पार्टी टूटकर 1980 में भाजपा बनी और यह विधानसभा फिर से भाजपा के हाथों में आई, जो आज तक बरकरार है. उनका मानना है कि पूर्वी विधानसभा बीजेपी के लिए मील का पत्थर है.
पूर्वी विधानसभा पर बीजेपी के 40 साल के शासन के लिए दूसरे दल के नेता कांग्रेस को जिम्मेदार बताते हैं. भाजपा के खिलाफ विधानसभा चुनाव में दावेदारी करने वाले झारखंड विकास मोर्चा के नेता और केंद्रीय महासचिव अभय सिंह का कहना है कि 1977 के बाद 1980 में एक बार कांग्रेस के हाथ में यह विधानसभा सीट आई. हालांकि कांग्रेस जमीनी हकीकत को भूल गई. धरातल पर कोई विकास काम नहीं हुआ. जिसके कारण उनकी कमियों को जनता के बीच रखते हुए भाजपा ने इसका फायदा उठाया. भाजपा ने जनता को गुमराह करने का काम किया है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.