हजारीबाग: हजार बागों का शहर हजारीबाग कई मायनों में खास है. इस जिले को प्रकृति ने बेहतर तरीके से सजाया है. वहीं यहां के कलाकारों ने भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. देश की आजादी के 75वीं वर्षगांठ को अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) के रूप में मनाया जा रहा है. हजारीबाग के कलाकार इस महोत्सव को और भी यादगार बनाने के लिए लघु फिल्म तैयार कर रहे हैं. जिसमें शहीदों के बारे में बताने की कोशिश की गई है.
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हजारीबाग का योगदान स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण रहा है. हजारीबाग के रहने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी बाबू राम नारायण सिंह, राज्य कि पहली महिला स्वतंत्रता आंदोलनकारी सरस्वती देवी का भी है यह जन्म स्थली रहा है. यहां कि भूमि को आजादी के परवाने तीर्थ भूमि भी माना जाता है. इन सभी घटनाओं को हजारीबाग के युवा कलाकारों ने चरितार्थ करने की कोशिश अपने लघु फिल्म में की है.
फिल्म का नाम जरा याद करो कुर्बानी
हजारीबाग समाहरणालय पर लगाने वाले ब्रिटिश हुकूमत के झंडे को उतारकर तिरंगा झंडा फहराया गया था. कई लोगों को इस बात की जानकारी भी नहीं है. हजारीबाग तरंग ग्रुप के द्वारा एक लघु फिल्म बनाया जा रहा है. जिसका नाम 'जरा याद करो कुर्बानी' (Zara Yaad Karo Kurbani) रखा गया है. संस्था ने ईस्टर्न जोनल कल्चरल सेंट्रल कोलकाता और कला संस्कृति विभाग झारखंड सरकार के दिशा निर्देश पर शूटिंग शुरू किया है. हजारीबाग समाहरणालय परिसर में ही फिल्म शूट किया जा रहा है. फिल्म में मुख्य कलाकार के रूप में अमिताभ श्रीवास्तव भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमलोगों का पुराना सपना साकार हो रहा है.