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बिरहोर जनजाति की बेटियां सीख रहीं संगीत और नृत्य, मुख्यधारा से जोड़ने की है एक पहल

झारखंड की विलुप्त होती बिरहोर जनजाति को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए हजारीबाग के तरंग ग्रुप ने एक अनोखी पहल की है. जिले में तीन दिवसीय चलने वाले एक ट्रेनिंग कैंप में बिरहोर के बच्चे नृत्य के गूढ़ रहस्य सीख रहे हैं.

Teach dance to children of Tarang group Birhor tribe in hazaribag
बिरहोर के बच्चे सीख रहे नृत्य

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Published : Feb 15, 2020, 10:29 PM IST

Updated : Feb 16, 2020, 9:50 AM IST

हजारीबागः झारखंड में विलुप्त हो रही बिरहोर जनजाति को संरक्षण देने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है. ऐसे में अब कई संगठन भी हैं जो बिरहोर बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रयास कर रही है. खास बात यह है कि हजारीबाग की युवा पीढ़ी अब बिरहोर बच्चों को समाज के अन्य बच्चों के साथ एक पंक्ति में खड़ा करने के लिए संगीत और नृत्य का साथ ले रहे हैं.

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म्यूजिक की धुन पर नाचते गाते यह कोई आम बच्चे नहीं है बल्कि लुप्त होती हुई जनजाति बिरहोर की बेटियां है. जो हजारीबाग में आदिम जनजाति प्राथमिक बालिका आवासीय विद्यालय में पढ़ाई करती है. जिन्हें हजारीबाग के तरंग ग्रुप इन दिनों डांस सिखाया जा रहा है. ताकि आदिवासी बिरहोर के बच्चे को मुख्यधारा में संगीत के माध्यम से जोड़ा जा सके.

ग्रुप में इस कार्यक्रम को "सीखेगा बिरहोर तभी निखरे गा बिरहोर" नाम दिया है. तीन दिवसीय चलने वाले इस ट्रेनिंग कैंप में बिरहोर के बच्चे नृत्य के गूढ़ रहस्य सीख रहे हैं. जिन्हें हजारीबाग के टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा भी लेना है. इनके सीखने की प्रवृत्ति और ललक इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि ये कुछ अलग करना चाहती हैं. यहां विभिन्न बिरहोर टोले से बच्ची आई हुई है. जो आवासीय विद्यालय में रहकर पढ़ाई भी करती हैं और अभी कैंप में हिस्सा भी ले रही हैं. ऐसे में छात्रों का कहना है कि उन्हें काफी मजा आ रहा है. पहली बार कोई हम लोगों को डांस सिखाने के लिए आया है.

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वहीं, दूसरी ओर तरंग ग्रुप के डायरेक्टर अमित का कहना है कि पिछले काफी दिनों से हम लोग यह कोशिश कर रहे थे कि बिरहोर जनजाति के लिए कुछ किया जाए. इसे देखते हुए हम लोगों ने 3 दिनों का कैंप लगाया है. सबसे अहम बात यह है कि यहां की बेटियां शहर की लड़कियों को मात दे रही है और अच्छा डांस सीख रही है. उनका कहना है कि हम लोगों ने दो डांस यहां की बच्चियों को सिखाया है. दोनों डांस में उन लोगों ने अपनी निपुणता दिखाई है. ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि बिरहोर के बच्चों को सही ट्रेनिंग और अच्छा माहौल दिया जाए तो वह अपना पताका देश स्तर में लहरा सकती है.

Last Updated : Feb 16, 2020, 9:50 AM IST

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