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कोरोना से मौत के बाद संस्था दे रही मानवता का साथ, एक कॉल पर मिलती है मदद

हजारीबाग मुर्दा कल्याण समिति कोरोना काल में बेहतर काम कर रहा है, जो किसी परिचय का मोहताज नहीं. मुर्दा कल्याण समिति ने निशुल्क एंबुलेंस सेवा समाज के लोगों को प्रदान कर रहा है.

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मुर्दा कल्याण समिति के अध्यक्ष खालिद

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Published : Sep 10, 2020, 6:01 AM IST

हजारीबाग: मुर्दा कल्याण समिति किसी परिचय का मोहताज नहीं है. लेकिन इस कोरोना काल में संस्था ने जो काम किया है वह हजारीबाग में आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा. हाल के दिनों में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा में इजाफा हुआ है. ऐसे में अंतिम संस्कार कैसे हो यह पीड़ित परिवार के लिए चुनौती से कम नहीं रहता है. इसे देखते हुए मुर्दा कल्याण समिति ने निशुल्क एंबुलेंस सेवा समाज के लोगों को प्रदान कर रहा है. एंबुलेंस सेवा के जरिए पीड़ित परिवार शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मुक्तिधाम पहुंचाती है. वैसे व्यक्ति जो आर्थिक रूप से संपन्न हैं उनसे कुछ पैसा लिया जाता है ताकि एंबुलेंस चल सके. मुर्दा कल्याण समिति के अध्यक्ष मोहम्मद खालिद कहते हैं कि मुर्दा का समान अंतिम संस्कार हो इसके लिए वे लोग पिछले कई सालों से काम कर रहे हैं. लेकिन वर्तमान समय में जो हालात उत्पन्न हुआ है इसे देखते हुए संस्था यह सेवा हजारीबाग वासियों को दे रहा है.

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दे रहे सहयोगमोहम्मद खालिद का यह भी कहना है कि जब पहले व्यक्ति की मौत कोरोना से हुई और उस दौरान पीड़ित परिवार अंतिम संस्कार के लिए एंबुलेंस के लिए दर-दर भटक रहा था. उनका यह भी कहना है कि अस्पताल से कोनार पुल जाने के लिए एंबुलेंस वाले 5,000 से लेकर 15,000 तक की मांग करते हैं. जबकि दूरी महज 5 किलोमीटर है. यह सरासर गलत है.
मुर्दा कल्याण समिति की एंबुलेंस
ये भी पढ़ें-शिक्षा विभाग के ग्रीवेंस सेल से विद्यार्थियों को मिल रहा फायदा, आ रहे पॉजिटिव रिस्पांस'मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं'मोहम्मद खालिद के इस कार्य को लेकर पीड़ित परिवार उनके जज्बे को भी सलाम करता है. उनका कहना है कि मोहम्मद खालिद कोई इंसान नहीं बल्कि देवता है. हजारीबाग के हर एक व्यक्ति को उनका सम्मान करना चाहिए. जब कोरोना काल में अपनों ने अपनों का साथ छोड़ दिया है. ऐसे में मोहम्मद खालिद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है.
हजारीबाग मुक्तिधाम
'सुकून मिलता है'मोहम्मद खालिद एक संगठन बनाकर यह सेवा दे रहे हैं. ऐसे में उनके एंबुलेंस ड्राइवर भी कहते हैं कि अगर समाज के सभी लोग मुंह मोड़ लेंगे तो क्या होगा. इस लिए उनकी पूरी टीम अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कार्य कर रहे हैं और उन्हें इससे काफी सुकून मिलता है.
श्मशाम घाट हजारीबाग

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जिला प्रशासन भी निशुल्क एंबुलेंस सेवा प्रदान कर रही
इसके अलावा भी हजारीबाग जिला प्रशासन भी निशुल्क एंबुलेंस सेवा प्रदान कर रही है. हजारीबाग सिविल सर्जन संजय जायसवाल भी कहते हैं कि संक्रमित व्यक्ति की मौत होने के बाद एंबुलेंस प्रदान कर रहे हैं. जिससे श्मशान तक ले जाया जा रहा है.

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