हजारीबागः आत्मनिर्भर शब्द इन दिनों लगभग हर एक मंच से आपको सुनने को मिलेगा. चाहे सरकार हो या विपक्ष वो जनता को आत्मनिर्भर करने की वकालत करते हैं. केंद्र और राज्य सरकार लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है. लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हजारीबाग के सांसद सह संसदीय वित्त समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा ने एक प्रोग्राम खुद से डिजाइन किया है और उसे अपने संसदीय क्षेत्र में उतारा है.
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हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने पूरे जिले को ही आत्मनिर्भर करने का प्लान बनाया है. यह कार्यक्रम पूरे देशभर में सिर्फ हजारीबाग में ही चल रहा है. इसकी कामयाबी के बाद हो सकता है कि अन्य जिलों में भी शुरुआत की जाए. गैर-सरकारी संस्था ग्रांट थॉर्टन इस अभियान में जयंत सिन्हा का मदद कर रही है.
देशभर में 552 सांसद और 250 राज्यसभा सांसद हैं. इनमें से शायद ही ऐसा कोई सांसद हो जो अपना मॉडल तैयार किया हो. हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने आत्मनिर्भरता के लिए एक मॉडल तैयार किया है, जो पूरे देशभर में अपने आप में शायद पहला और अकेला मॉडल है. इस मॉडल को बनाने में सरकारी मदद भी नहीं ली गई है, इसमें उन्होंने एनजीओ की सहायता ली है. ऐसे में कहा जाए तो एक अनोखा मॉडल तैयार किया गया है ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच आत्मनिर्भर भारत को और भी अधिक बल दिया जा सके.
आत्मनिर्भर भारत तभी हो सकता है जब जिला आत्मनिर्भर हो, हर एक लोग आत्मनिर्भर हो. हजारीबाग के सांसद सह संसदीय वित्त समिति के अध्यक्ष जयंत सिंहा इन दिनों अपने संसदीय क्षेत्र के हजारीबाग जिला को आत्मनिर्भर करने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने एक प्लान आत्मनिर्भर हजारीबाग बनाया है. जिसमें कोशिश की जा रही है कि पूरे जिले को ही इस रूप में विकसित किया जाए कि हर एक व्यक्ति खुद से अपना जीवन यापन करें और दूसरों पर निर्भर ना रहे.
जिसमें खेतीहर और गैर-खेतीहर दोनों तबके को जोड़ा गया है. वर्तमान समय में लगभग 9 किसान उत्पादक कंपनियां बनाई गई है और भविष्य में कई और बनाने की योजना है. एक साल पहले इस कार्यक्रम को शुरू किया गया था. वर्तमान समय में लगभग 3000 से अधिक लोगों को इस कार्यक्रम में जोड़ा गया है.
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