हजारीबाग: बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने अपने विधानसभा क्षेत्र में चल रहे कंपनी के खिलाफ गुरुवार को जमकर निशाना साधा है. हजारीबाग कांग्रेस ऑफिस कार्यालय में उन्होंने कंपनी पर आरोप लगाया कि उसने बिना मुआवजा दिए ही जमीन अधिग्रहण कर लिया है. अब लोगों को नौकरी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. जब ग्रामीण नौकरी की मांग को लेकर कार्यालय जाते हैं तो उन्हें मारा जाता है और अपमानित कर कर भेज दिया जाता है.
विधायक का यह भी कहना है कि बड़कागांव में नियम अनुसार स्थानीय लोगों को रोजगार देना था, लेकिन बाहर के लोगों को भर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जो लोग स्थानीय स्तर पर काम कर रहे हैं उनके पास किसी भी तरह का पहचान पत्र भी नहीं है कि वह खुद को कंपनी का एम्पलाई बता सकें. अंबा प्रसाद ने कंपनी पर आरोप लगाया है कि वह फर्जी रिपोर्ट बनाकर प्रशासन को गुमराह किया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में कंपनी की मनमानी खूब चली है, लेकिन यह यूपीए की सरकार है. इसमें कंपनी की मनमानी नहीं चलेगी.
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अंबा प्रसाद ने कहा कि इस बाबत हमने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की है और उनको स्थिति के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगा है. बता दें कि कुछ दिन पहले अंबा प्रसाद का एक वीडियो भी का वायरल हुआ था, जिसमें वह बोलती नजर आई थी कि अगर कोई कंपनी के लोग आता है तो उसे डंडा और लाठी से पीटा करो. इस बात पर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह भावुक होकर ऐसी बात बोली है. क्योंकि महिलाओं ने अपने बदन पर मार का दाग दिखाया था.
'मेरी मां और पिता ने कंपनी के खिलाफ आंदोलन किया था'
विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि मैं अपनी बात को वापस लेती है. क्योंकि अधिकारियों का मैं सम्मान करती हूं और जो बात कहा था वह भावना में आकर कहा. अंबा प्रसाद का यह भी कहना है कि मैं त्रिपक्षीय वार्ता के लिए सहमत हूं. कंपनी के लोग आएं और इस मामले का पटाक्षेप करें. अगर कंपनी मामले का पटाक्षेप नहीं करती है तो आगे भी आंदोलन इसी तरह चलता रहेगा. उन्होंने अपनी मां और पिता का भी जिक्र किया और कहा कि हमारे मां और पिता ने कंपनी के खिलाफ आंदोलन किया और आज तक वह क्षेत्र से बाहर हैं. मैं उनकी बेटी हूं इसलिए मैं जानती हूं कि आंदोलन का अर्थ क्या होता है. बहरहाल, यह देखने वाली बात होगी कि अंबा प्रसाद का त्रिपक्षीय वार्ता की मांग कंपनी मानती है या नहीं या फिर आगे आंदोलन जारी रहेगा.