हजारीबाग: दिल में अगर देश सेवा का जज्बा हो तो लाखों की नौकरी भी कोई मायने नहीं रखती है. कुछ ऐसा ही साबित किया है. रामनगर निवासी शिवम ने. जिसने मल्टीनेशनल कंपनी की लाखों की नौकरी छोड़ कर सेना में जाने का निश्चचय किया और अपनी मेहनत के बल पर लेफ्टिनेंट चयनित हुए. देश भर में उनका रैंकिंग 43 रहा.
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30 लाख का पैकेज छोड़ सेना में शामिल:वर्तमान समय में जब अधिकांश युवा अधिक से अधिक पैसे की चाहत में मल्टीनेशनल कंपनी ज्वाइन कर रहे हैं तब किसी का 30 लाख का पैकेज छोड़कर सेना में जाना अचंभा लग सकता है. लेकिन शिवम के लिए देश के सामने पैसा मायने नहीं रखता. यही वजह है कि उसे मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी रास नहीं आयी और उसने सेना में जाने का फैसला कर लिया.
देश सेवा में लगना गौरव की बात:शिवम बताते हैं कि नौकरी करते समय ही उन्होंने सेना में जाने के लिए परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. वे यह भी कहते हैं कि कॉलेज के समय से ही मुझे सेना के पदाधिकारी काफी अच्छे लगते थे. जब उन्हें देखता था तो मन करता था कि मैं भी सेना में जाऊं. ऐसे में उस वक्त तो मैं परीक्षा नहीं दिया. लेकिन स्नातक की डिग्री लेने के बाद सीडीएस की परीक्षा दी. इस परीक्षा में कई लेबल होते हैं. उन लेबल को पास करने के बाद ही छात्र सफल होता है. उन्होंने बताया कि इस परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की थी जिसके बाद उन्हें सफलता हासिल हुई है.
सफलता का शॉर्टकट नहीं:शिवम ने सेना में करियर बनाने वाले छात्रों को सलाह भी दी है. उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है. हमेशा मेहनत करना चाहिए और यह मेहनत सही दिशा में होना चाहिए. साथ ही साथ हर एक व्यक्ति को यह बात अवश्य सोचना चाहिए कि पहले देश है और फिर हम. जहां तक हो सके देश की सेवा करना चाहिए. चाहे सेना में हो या फिर आम जनता. आम जनता की भी जिम्मेवारी है कि वह कोई ऐसा गलत काम ना करें जिससे देश शर्मसार हो सभी लोगों को देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए.