हजारीबागः जिला की स्वास्थ्य व्यवस्था सरकारी उदासीनता के कारण परेशानी के दौर से गुजर रहा है. हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की तत्परता से वेंटिलेटर तो इंस्टॉल कर लिया है. लेकिन इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है. अगर कहा जाए तो वेंटिलेटर सफेद हाथी साबित हो रहा है.
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हजारीबाग के कोनहारा में ट्रक-कार की टक्कर में तीन की मौत, नहीं हो सकी शिनाख्त कोरोना काल में सबसे अधिक जरूरत ऑक्सीजन की पड़ रही है. आलम यह है कि कई ऐसे मरीज हैं जिनकी स्थिति बेहद खराब होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ रही है. हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में 40 से अधिक वेंटिलेटर हैं, जिसका उपयोग नहीं हो पा रहा है. महज 3 से 4 वेंटिलेटर हैं, जिनका उपयोग हो रहा है, वह सभी पुराने हैं. वर्तमान समय में हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास 38 वेंटिलेटर पड़े हुए हैं.
बिना इस्तेमाल के वेंटिलेटर्स सरकार से बात करेंगी विधायक
अगर इन वेंटीलेटर को शुरू किया जाता तो कई मरीजों की जान बच पाती. हजारीबाग की बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद का कहना है कि इस बाबत वह सरकार से बात कर रही हैं. कई ऐसे वेंटिलेटर हैं. जिसमें कुछ उपकरण उपलब्ध नहीं होने के कारण उपयोग में नहीं आ पा रहा है. वहीं हाई स्पीड ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं होने से भी वेंटिलेटर पड़े हुए हैं. उनका कहना है कि अब मैं इस बात को लेकर सरकार के पास जाऊंगी और जल्द से जल्द हजारीबाग में वेंटीलेटर सुविधा उपलब्ध हो इस पर जोर दूंगी.
हजारीबाग जिला प्रशासन बड़ी ही मशक्कत के बाद वेंटिलेटर की व्यवस्था की, ताकि मरीजों की जान बचाई जा सके. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण वेंटिलेटर का उपयोग नहीं हो पा रहा है. कुछ वेंटिलेटर ऐसे हैं जिसमें कोई ना कोई उपकरण की कमी है जो वह नहीं मिल पा रहा, जिससे इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है. वहीं टेक्नीशियन की भी समस्या सामने आ रही है. तीसरी सबसे अहम समस्या यह है कि हाई स्पीड ऑक्सीजन वेंटीलेटर को चाहिए और उसकी सुविधा हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में नहीं है.
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प्रशासन की अपनी मजबूरी
ऐसे में यह वेंटिलेटर सिर्फ और सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गई है. इसको लेकर हजारीबाग के उप विकास आयुक्त ने भी अपनी मजबूरी बताते हुए कहा कि हम लोग तैयार हैं, पर सरकार को मेडिकल कॉलेज पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है, जिससे हम अच्छी सेवा उपलब्ध करा सके.
कोरोना काल में सरकारी उदासीनता हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए महंगा साबित हो रहा है. शायद ये वेंटिलेटर्स काम करता तो ना जाने कितने लोगों की जान बच सकती थी. जरूरत है सरकार को सजगता के साथ तमाम समस्या को दूर करते हुए वेंटिलेटर जल्द से जल्द शुरू करवाने की.