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फायर ब्रिगेड को 'ऑक्सीजन' की जरूरत, उदासीनता के कारण 'कोमा' में विभाग

हजारीबाग में सरकारी उदासीनता के कारण अग्निशमन विभाग का हाल बेहाल है. यहां जरूरत के मुताबिक न तो कर्मचारी हैं और न ही सामान ऐसे में किसी आगलगी को घटना पर काबू पाना इनके बस के बाहर है.

अग्निशमन कार्यालय

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Published : Jun 16, 2019, 3:08 PM IST

हजारीबाग: जिले में अग्निशमन विभाग का हाल बेहाल है, इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. गर्मी के समय आग लगने की घटना ज्यादा होती है. लेकिन जब विभाग के पास पानी की कमी से निजात पाने के लिए यहां एक भी हाइड्रेंट नहीं है, विभाग को पानी की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है. उसे पानी लेने के लिए आस-पास के तालाब या फिर झील का सहारा लेना पड़ रहा है.

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दरअसल, जबसे विभाग हजारीबाग में सेवा दे रही है तब से लेकर अब तक हाइड्रेंट की व्यवस्था नहीं की गई है. विभाग में काम करने वाले कर्मचारी कहते हैं कि फायर कॉल आने पर हमें नजदीक के तालाब या फिर झील का पानी लाना पड़ता है. जिससे काफी समय लग जाता है और आग पर काबू पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है. इस बारे में विभाग के द्वारा कई बार सरकार को खत भी लिखा गया है लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण विभाग का हाल बेहाल है.

दूसरी ओर हजारीबाग अग्निशमन विभाग ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर भी परेशान है. उसका कहना है कि हजारीबाग के लोग घंटी बजाने के बाद भी रास्ता नहीं देते हैं. जिसके कारण आने में काफी समय लग जाता है. जब घटनास्थल पर पहुंचते हैं तो स्थानीय लोगों का विरोध का सामना भी करना पड़ता है. उनका कहना है कि विभाग हर समय सेवा के लिए तत्पर है.

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इधर, स्थानीय लोगों को भी इस बात को सोचना चाहिए, विभाग का यह भी कहना है कि कम कर्मी के कारण भी सेवा देने में समस्या उत्पन्न होती है. लेकिन हम उसके लिए भी तैयार है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि हजारीबाग में कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए साथ ही साथ हजारीबाग फायर ब्रिगेड की गाड़ी आने पर सडक छोड़ दें. जिस तरह से अग्निशमन विभाग समस्या का सामना कर रही है ऐसे में जरूरत है कि आम लोगों को सहयोग करने की तो दूसरी ओर सरकार भी समस्या का निराकरण करें.

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