गिरिडीह: सूबे के शिक्षा मंत्री राज्य की शिक्षा व्यवस्था को उच्च स्तर का बनाने की बात कह रहे हैं. लगातार बैठकें चल रही हैं. हर अधिकारी को कहा गया है कि वे काम करें और स्कूल की व्यवस्था को हर हाल में दुरुस्त करें. लेकिन विभाग के अधिकारियों और कर्मियों की लापरवाही के कारण यहां बच्चों को क्लास रूम नहीं मिल रहा है. ऐसे में बच्चे बरामदे में पढ़ने को मजबूर है.
11 वर्षों में भी नहीं बन सकी स्कूल की दो मंजिला इमारत, बरामदे में चल रही है बच्चों की क्लास
बेहतर शिक्षा के लिए व्यवस्था को भी दुरुस्त करना जरुरी है. क्लास रूम के साथ साथ अन्य तरह की सुविधा भी बच्चों को चाहिए. ऐसे कई स्कूल हैं जहां पर क्लास रूम की कमी है. कइ जगह तो भवन की राशि को ही डकार लिया गया है. ऐसी ही कुव्यवस्था गिरिडीह समाहरणालय के ठीक पीछे स्थित सरकारी विद्यालय की है.
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गिरिडीह डीसी ऑफिस के ठीक पीछे स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेलाटांड में बच्चों को बरामदे में पढ़ना पड़ रहा है. यहां के बच्चे पिछले एक दशक से बरामदे में पढ़ रहे हैं. वैसे यहां के बच्चों की कक्षा अलग-अलग चले इसके लिए 11-12 वर्ष पहले ही सरकार की तरफ से व्यवस्था की गई थी. दो मंजिला इमारत स्वीकृत की गई. भवन की ढलाई भी हो गई लेकिन निर्माण पूर्ण नहीं हो सका. स्थानीय लोगों का साफ तौर पर आरोप है कि भवन निर्माण में गड़बड़ी हुई है और पैसों का बंदरबांट हुआ है. महेशलुंडी पंचायत के मुखिया शिवनाथ साव का कहना है कि स्कूल के पूर्ण नहीं होने के पीछे जो भी दोषी हैं सभी पर कार्रवाई होनी चाहिए. इसी तरह की मांग स्थानीय कन्हैया सिंह, जगत पासवान, गोपाल शर्मा भी कर रहे हैं.