बगोदर/गिरिडीहःउत्तरी छोटानागपुर का बहुप्रतीक्षित कोनार नहर सिंचाई परियोजना का उद्देश्य पूरी होती नहीं दिख रही है. बरसात समाप्त होते हीं बगोदर इलाके में कोनार नहर में भी पानी भी समाप्त हो गया है. इससे किसानों में एक बार फिर मायूसी छा गई है. 42 सालों के किसानों के सपने उस समय पूरा होता हुआ नजर आ रहा था जब 28 अगस्त 2019 को तत्कालीन सीएम रघुवर दास ने कोनार नहर का उद्घाटन किया था.
सूखे नहर में खेलते हैं बच्चे
सीएम के कोनार नहर का उद्घाटन किए जाने के बाद से किसानों को यह आस जगी थी कि अब उनके बंजर भूमि में हरियाली आएगी. नहर के पानी से वे अपने खेतों को सिंचित करेंगे और फसलों का उत्पादन करेंगे. मगर महज कुछ हीं महीने के बाद किसानों के सपने एक बार फिर से साकार होता नहीं दिख रहा है. चूंकि बरसात समाप्त होते हीं नहर से भी पानी समाप्त हो गया है, नहर सूख चुका है. सूखे नहर में बच्चे खेलते हुए नजर आते हैं.
ये भी पढ़ें-गॉड ऑफ ऑनर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ट्वीट, कहा- जल्द खत्म करूंगा VIP कल्चर
उद्घाटन के 16 घंटे के अंदर टूटा था नहर का तटबंध
उतरी छोटानागपुर के गिरिडीह, हजारीबाग एवं बोकारो जिले के बंजर भूमि में हरियाली लाने के उद्देश्य से 42 साल पूर्व 1978-79 में कोनार नहर की नींव रखी गई थी. इसके बाद नहर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा था. इसी बीच योजना में मची लूट के बाद इसे बंद कर दिया गया था. तत्कालीन सीएम रघुवर दास के कार्यकाल में योजना का रिलाइनिंग कार्य शुरु हुआ और मुख्य नहर का रिलाइनिंग कार्य पूरा होने के बाद तत्कालीन सीएम रघुवर दास के द्वारा पांच महीने पूर्व 28 अगस्त को कोनार नहर का उद्घाटन किया गया था. उद्घाटन के महज 16 घंटे के अंदर हीं बगोदर के घोसको के पास कच्चा नहर का तटबंध टूट गया था. उसके बाद सरकार की खूब किरकिरी हुई थी. इसके साथ हीं सैकडों किसानों के धान, मकई सहित अन्य फसलों का भी नुकसान हुआ था.
आनन-फानन में हुआ था उद्घाटन
बताया जाता है कि नहर का तटबंध टूटने के बाद कोनार डैम से नहर में पानी छोड़ना बंद हो गया था. हालांकि टूटे तटबंध की मरम्मती का कार्य भी पूरा कर लिया गया है. इधर बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा का कनेल का निर्माण कार्य पूरा किए जाने के पूर्व ही आनन- फानन में नहर का उद्घाटन किया गया था. कहा कि सरकार को मामले में गंभीरता दिखाने की जरूरत है.