गिरिडीह: पूर्व विधायक ओमीलाल आजाद अपने बेटों से परेशान होकर खुद के बनाए मकान में नहीं रह पा रहे हैं. उन्हें हमेशा यह भय बना रहता है कि कब-कहां वे लोग उन्हें पकड़कर फिर कैदी बना लेगें और यातनाएं देकर अपना मनचाहा काम होने के बाद उन्हें जान से मार देंगे.
बेटी-दामाद के घर रह रहे हैं ओमीलाल आजाद
दरअसल, उनके चारों बेटे संपति अपने नाम लिखने के लिए धमकी दे रहे हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से 1985-1990 में गिरिडीह के विधायक रहे. 82 वर्षीय आजाद फिलवक्त अपने बेटी माधुरी देवी के पति अशोक कुमार लेहरी के घर बिहार के जमुई जिले के चकाई बाजार में रह रहे हैं. आजाद गिरिडीह के नगर थाना क्षेत्र के आजाद भवन गद्दी मुहल्ला के रहने वाले हैं. आजाद ने अपने चार पुत्रों के विरूद्ध बाध्य होकर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. नगर थाना प्रभारी आदिकांत महतो ने इस मामले के अनुसंधान की जिम्मेवारी एएसआई प्रदीप कुमार सिंह को सौंपा है.
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बेटियों को भी संपति देना चाहते हैं आजाद
प्राथमिकी में पूर्व विधायक ने कहा है कि वे अपनी संपति चार बेटों और चार बेटियों को अपने कानूनी उतराधिकारी के रूप में देना चाहता हूं. इसलिए मेरे चारों बेटे मेरे विरूद्ध होकर मुझे शारीरिक और मानसिक यातनाएं देते हैं. इसी क्रम में 16 से 18 अक्टूबर 2018 को मुझे मेरे कमरे में बंदी बनाकर मेरा सारा सामान छीनकर अने कब्जे में कर लिया और मुझ पर जोर देकर कहने लगा कि सारी संपति चारों बेटों के नाम लिख दो नहीं तो जान से मार देंगे. उनके इस अपराधी कार्रवाई की सूचना मेरे एक शुभचिंतक ने फोन पर उनकी आदित्यपुर में रहने वाली बेटी को दी. इस पर बेटी नीतू देवी ने गिरिडीह नगर थाना को दिनांक 17 अक्तूबर 2018 को सूचित किया और मेरी बेटियों और दामाद के साथ दिनांक 18 अक्तूबर 2018 को गिरिडीह नगर थाना पुलिस आयी और उन्हें कैद से मुक्त कराया.