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CCL ऑफिस में तोड़फोड़ का मामला, ग्रामीणों ने कहा- बेवजह फंसाने की साजिश

सीसीएल ओपन कास्ट माइंस के कार्यालय और वर्कशॉप में हुए तोड़फोड़ के बाद कुछ लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इसमें जिन लोगों का नाम आया है वो खुद को निर्दोष बता रहे हैं. 31 आरोपियों में से 22 लोगों ने खुद के नार्को टेस्ट करवाने की मांग की है.

CCL मामले में विरोध करते लोग

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Published : Jul 12, 2019, 10:15 AM IST

गिरिडीह: गुरूवार को भाकपा माले की अगुवाई में एक बैठक की गयी. जिसमें सीसीएल ओपेनकास्ट माइंस के कार्यालय में हुए तोड़फोड़ के बाद दर्ज की गई प्राथमिकी पर चर्चा की गई. साथ ही आरोप लगाया कि कई बेगुनाहों के नाम भी प्राथिमिकी दे दिए गए हैं.

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बेगुनाहों को नामजद किए जाने का विरोध

भाकपा माले की इस बैठक में बेगुनाहों पर प्राथमिकी दर्ज किए जाने को लेकर विरोध किया गया. माले नेता राजेश यादव और राजेश सिन्हा भी इस बैठक में शामिल थे. उन्होंने स्थानीय सीसीएल प्रबंधन और पुलिस को कठघरे में खड़ा किया.

'नार्को टेस्ट' की मांग

नामजद आरोपियों में से कुल 22 लोग नार्को टेस्ट कराने की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि मामले की दोबारा जांच होनी चाहिए. उसके बाद ही आगे की कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही इलाके के अन्य संदिग्ध लोगों का भी नार्को टेस्ट कराए जाने की मांग की गई है. जिससे कि पूरी सच्चाई का पता चल सके.

बैठक में कहा गया कि प्रायः सीसीएल में होने वाली छोटी-बड़ी किसी भी घटना में इलाके के गरीबों को आरोपित कर दिया जाता है. पिछले दिनों हुई घटना में भी जिस तरीके से कुछ पदाधिकारियों द्वारा पुलिस को गुमराह करके निर्दोषों को फंसाया गया वह निंदनीय है.

उचित कार्रवाई की मांग

वहीं माले नेताओं ने स्थानीय पुलिस एवं वरीय पदाधिकारियों से पूरी छानबीन के बाद ही किसी पर कार्रवाई की मांग की. आगे उन्होंने कहा कि बिना उचित प्रमाण के किसी को गिरफ्तार करना या जेल भेजना कहीं से उचित नहीं. अगर ऐसा हुआ तो भाकपा माले आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी.

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