गिरिडीह: मातृ शिशु स्वास्थ्य इकाई चैताडीह में सिजेरियन से हुए प्रसव के दूसरे दिन जच्चा की मौत के मामले ने काफी तूल पकड़ लिया. घटना को लेकर लगभग 7 घंटे तक मातृ शिशु स्वास्थ्य इकाई में हंगामा होता रहा. गांडेय के पूर्व विधायक सह भाजपा नेता प्रो जयप्रकाश वर्मा के नेतृत्व में लोगों ने नारेबाजी की. भाजपा नेता शव के साथ इकाई के मुख्य द्वार पर ही धरना पर बैठ गए. दूसरी तरफ लोगों ने ओपीडी के द्वार को बन्द कर दिया. लोग मुआवजा के साथ साथ जांच की मांग कर रहे थे.
कमेटी की मौजूदगी में हुआ पोस्टमार्टम
मामला गंभीर हुआ तो सदर अस्पताल के डीएस डॉ उपेंद्र दास के साथ साथ अंचलाधिकारी रविभूषण, नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी, इंस्पेक्टर अनिल कुमार समेत कई अधिकारी पहुंचे. विरोध-प्रदर्शन कर रहे पूर्व विधायक और परिजनों से बात हुई. जिसके बाद पूरे प्रकरण से डीसी राहुल कुमार सिन्हा को फोन पर ही अवगत कराया गया. वहीं, रिश्वत के आरोप, डॉक्टर पर लगे लापरवाही के आरोप की जांच के लिए अलग कमेटी बनाने की घोषणा की गई. तीन सदस्यीय चिकित्सकों की कमेटी की मौजूदगी में पोस्टमार्टम करवाया गया. जिसके बाद मामला शांत हुआ.
कमेटी करेगी जच्चा मौत और रिश्वत की जांच, पूर्व विधायक के विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने लिया निर्णय
गिरिडीह के सरकारी अस्पताल में महिला की मौत और सहिया समेत अन्य पर लगे रिश्वत के आरोपों को लेकर गिरिडीह में घंटों हंगामा हुआ है. यहां भाजपा के पूर्व विधायक भी धरना पर बैठ गए. यह प्रशासन ने दोनों मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी है.
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प्रावधान के अनुसार मुआवजा
इस दौरान अंचलाधिकारी रविभूषण ने बताया कि मृतक के परिजनों को सरकारी प्रावधान के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा. अभी बीडीओ की तरफ से अंतिम संस्कार के लिए 10 हजार की राशि दी गई है. कहा कि इसके अलावा पूरे मामले की जांच हो रही है.
पूर्व विधायक ने क्या कहा
पूर्व विधायक प्रो जयप्रकाश वर्मा ने कहा कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण महिला की जान गई है. ऐसे में मृतका के परिजनों को हर हाल में मुआवजा मिलना ही चाहिए. साथ ही साथ पूरे मामले की निष्पक्ष जांच भी होनी चाहिए. जिन लोगों ने सिजेरियन के नाम पर वसूली की है उनपर भी कार्यवाई होनी चाहिए.
क्या है मामला
बिहार के बांका की चंचला मिश्रा पति गुलाब मिश्रा का मायका गिरिडीह के पचंबा थाना इलाके में रानीखावा है. चंचला गर्भवती थी और मायके में ही थी. दर्द बढ़ा तो उसे चैताडीह स्थित मातृ शिशु स्वास्थ्य इकाई चैताडीह में भर्ती कराया गया. गुरुवार को चंचला भर्ती हुई और उसी दिन ऑपरेशन से बच्चा को जन्म भी दी. ऑपरेशन के बाद चंचला की तबियत बिगड़ती गई. लगातार ब्लीडिंग होता रहा. परिजनों का आरोप है कि बिगड़ी तबियत की जानकारी कई दफा अस्पताल में मौजूद चिकित्सक और कर्मियों को दी गई लेकिन किसी ने सुध नहीं ली. हालात बिगड़ती रही और अंततः चंचला ने दम तोड़ दिया.