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गिरिडीह के गांवों में ऑनलाइन शिक्षा का हाल, बिना गैजेट्स के बच्चों की पढ़ाई मुुश्किल

कोरोना काल में भी बच्चों की पढ़ाई छूटे नहीं इसे लेकर ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की गयी, लेकिन इस शिक्षा से अत्यंत गरीब परिवार के बच्चे वंचित रह रहे हैं. मां-बाप गरीब हैं तो इनके समक्ष पहले पेट भरने की चुनौती रहती है. ऐसे में गरीब स्मार्ट मोबाइल फोन खरीद नहीं पाते हैं और बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा नहीं हो पा रही है.

bad condition of online education in giridih
गिरिडीह में ऑनलाइन पढ़ाई की हालत खराब

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Published : Sep 30, 2020, 1:58 PM IST

गिरिडीहः कोरोना का समय चल रहा है. स्कूलों में ताला लटका है और ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है. निजी विद्यालयों के बच्चे या सरकारी स्कूल के, सभी बच्चों के लिए अपना कोर्स पूरा करने के लिए ऑनलाइन ही एक मात्र सहारा बना हुआ है. कोरोना काल के बाद लगे लॉकडाउन से ही पढ़ाई की यह व्यवस्था कायम है. गिरिडीह में भी ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है, लेकिन गरीबी से जूझ रहे परिवार के बच्चे इस शिक्षा से वंचित हैं. अभी भी जिले के सैकड़ों ऐसे परिवार हैं जिनके बच्चे आजतक स्मार्ट फोन, लैपटॉप या टैब नहीं देख सके हैं. ऐसे परिवार के बच्चे पूरी तरह ऑनलाइन शिक्षा से वंचित हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

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फांकाकसी से जूझती जिंदगी
शहरी इलाका हो या ग्रामीण क्षेत्र हर इलाके में गरीब और वंचित परिवार मिल जाएंगे. ऐसे परिवार के अभिभावकों को सुबह से ही रोटी की चिंता सताती है. इनके पास घर के लोगों की रोटी का जुगाड़ करना ही मुश्किल भरा है. शीला देवी और ललिता देवी जैसी महिलाओं की समस्या कुछ इसी तरह की है. इनका कहना है कि लॉकडाउन में रोजगार की समस्या उत्पन्न हुई तो घर चलाने में दिक्कत आने लगी. ऐसे में महंगे मोबाइल टीवी कहां से खरीद सकते हैं. वहीं इन घरों के बच्चों का भी कहना है कि उनके पास गैजेट्स नहीं हैं तो वे किताब से जैसे तैसे पढ़ रहे हैं.

बढ़ा मोबाइल का कारोबार
इधर ऑनलाइन शिक्षा के साथ-साथ गैजेट्स का कारोबार भी बढ़ा है. सबसे अधिक बिक्री मोबाइल की हो रही है. इसके अलावा टैब और कुछ हद तक लैपटॉप की भी बिक्री हो रही है. चेंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यकारी समिति के सदस्य सतीश केडिया कहते हैं कि मोबाइल की बिक्री बढ़ी है, इसके पीछे ऑनलाइन शिक्षा तो एक कारण है ही. इसके अलावा लॉकडाउन के पीरियड में आमलोग अपना समय इंटरनेट पर व्यतीत करते रहे इस वजह से भी मोबाइल की बिक्री बढ़ी है. गिरिडीह के प्रसिद्ध मोबाइल विक्रेता अजय कंधवे भी कहते हैं कि मोबाइल की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है.

10 फीसदी बच्चों को मिल रहा है लाभ
इस मामले पर जब जिला शिक्षा अधीक्षक अरविंद कुमार से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि जिले में 3136 (प्राथमिक व माध्यमिक) विद्यालय हैं. इसमें लगभग 3 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं. लॉकडाउन के बाद से विद्यालय में पढ़ाई बंद है तो ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की गयी है. हालांकि महज 10 फीसदी बच्चे ही ऑनलाइन क्लासेज अटेंड कर पा रहे हैं. इसके पीछे दो वजह है एक तो कइयों के घरों में स्मार्ट फोन का नहीं होना. दूसरी जिन अभिभावकों के पास मोबाइल है, वे दिन में काम के समय मोबाइल लेकर चले जाते हैं. इन्हीं परेशानी को देखते हुए मोहल्ला क्लासेज भी रोस्टर वाइज चलाया जा रहा है.

अक्टूबर से होगी नई व्यवस्था
डीएसई का कहना है कि ऑनलाइन शिक्षा से काफी बच्चे वंचित रह रहे हैं. ऐसे में अक्तूबर से नयी व्यवस्था लागू की जा रही है. प्रयास यह है कि 20-25 बच्चों के एक ग्रुप की पढ़ाई एक शिक्षक ले. वह भी सोशल डिस्टेंसिक का पालन करते हुए.

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