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कोरोना काल ने छीना लोगों का रोजगार, सरकार से मदद की गुहार

कोरोना के कहर और लॉकडाउन की मार ने सबकी कमर तोड़ दी है. कुछ ऐसा ही हाल दुमका में भी है. यहां का अटल बिहारी वाजपेयी बस पड़ाव काफी दिनों से सूना पड़ा है. बसों का परिचालन बंद है. हजारों लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. दिन-ब-दिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं.

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Published : Aug 19, 2020, 12:54 PM IST

People connected to hotels and buses unemployed due to Corona
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दुमका: देश और झारखंड के अलग-अलग जिलों के साथ-साथ दुमका में भी कोरोना संकट छाया हुआ है. पहले लॉकडाउन फिर अनलॉक हुआ. कई व्यवसाय ऐसे थे, जो लंबे समय तक बंद रहे फिर सरकार ने उसे खोलने की इजाजत दे दी, लेकिन आज भी कुछ ऐसे व्यवसाय हैं जो मार्च महीने से अब तक बंद हैं. इसमें यात्री बसों का परिचालन, होटल व्यवसाय शामिल है. परेशानी यह है कि इस बिजनेस के माध्यम से जिन लोगों को रोजगार मिलता था, जिनकी रोजी-रोटी चलती थी. उनके सामने आर्थिक संकट खड़ी हो गई है. इससे निजात पाने के लिए वे सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

देखिए पूरी खबर

बसों के परिचालन ठप होने से हजारों लोग बेरोजगार
लगभग 6 महीने से कोरोना संकट छाया हुआ है. अभी भी यात्री बसों का परिचालन ठप है. दुमका के अटल बिहारी वाजपेयी बस पड़ाव काफी दिनों से सुना पड़ा हुआ है. लगभग 300 बसों का प्रतिदिन परिचालन हुआ करता था, जिसमें हजारों लोगों को रोजगार प्राप्त होता था. बसों के परिचालन बंद होने से सभी के सामने भीषण आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. बसों के चालक, सहचालक, कंडक्टर, बुकिंग एजेंट और स्टैंड किरानी सभी की रोजी-रोटी छीन गई है. इनके पास जो भी थोड़े बहुत पैसे थे वे शुरुआती दौर में ही खत्म हो गए. अब तो इनके सामने खाने के लाले पड़े हुए हैं.

दुमका बस पड़ाव में झारखंड परिवहन मजदूर यूनियन के प्रदेश महामंत्री अखिलेश कुमार झा ने बताया कि काफी बुरी स्थिति है. घर में खाने के पैसे नहीं है. हमने इसके लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन मिला कुछ नहीं. वहीं, वाहन कर्मी अरुण कुमार सिंह बताते हैं कि कम्युनिकेशन के अलग-अलग माध्यम से हमने मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक से सहायता मांगी है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बस पड़ाव में खाने-पीने का होटल चलाने वाले दीपक कुमार बताते हैं कि बस पड़ाव में बस ही नहीं चल रही है. जिस कारण यहां कोई आता नहीं. हमारा होटल बंद हो गया है.

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जिले के सभी होटल भी हैं बंद
इस कोरोना काल में होटल व्यवसाय पूरी तरह ठप है. होटल बंद रहने से इससे रोजगार प्राप्त करने वाले लोगों को परेशानी हो रही है. दुमका में लगभग छोटे-बड़े 50 होटल हैं. एक होटल संचालक निर्मल कुमार से हमारी बात हुई. उन्होंने बताया कि काफी परेशानी हो रही है. वे सरकार से कुछ वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं.

विपक्ष सरकार पर मनमानी करने का लगा रहा है आरोप
रघुवर सरकार में कल्याण मंत्री रही भाजपा नेत्री डॉ. लुईस मरांडी का कहना है कि ऐसे व्यवसाय, जो महीनों से बंद हैं सरकार को चाहिए कि उनसे जुड़े लोगों का ख्याल रखें. उनकी आजीविका कैसे चलेगी. इसकी व्यवस्था करें, लेकिन झारखंड की मौजूदा सरकार को इससे कोई मतलब नहीं है.

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