दुमका: झारखंड सरकार की तरफ से आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए डाकिया योजना की शुरुआत की गई थी. लेकिन जिले में अब ये योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. योजना को लागू करने में अनियमिततता से पहाड़िया जनजाती को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. समय पर अनाज नहीं मिलने से गरीब परेशान हैं.
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दुमका में डाकिया योजना:झारखंड सरकार आदिम जनजाति पहाड़िया को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए डाकिया योजना चला रही है. इसके तहत 35 किलोग्राम चावल का पैकेट बनाकर प्रतिमाह लाभुकों को उसके घर तक पहुंचाया जाता है. लेकिन पिछले कुछ माह से यह योजना सही ढंग से नहीं चल रही है. दुमका जिले के पहाड़िया बहुल गांव ऊपर मुर्गाथली कैराबनी अमलापहाड़ी गांव में समय पर अनाज नहीं मिलने से गरीब काफी परेशान हैं. मुर्गाथली के लोगों का कहना है कि पहले हमें अधिकतम माह के 15 तारीख तक खाद्यान्न मिल जाता था पर अब तो पूरा महीना पार हो जाता है चावल नहीं मिलता. पूरे फरवरी माह में हमें अनाज नहीं मिला अब तो मार्च आ गया. गांव की महिलाओं को इससे काफी परेशानी होती है क्योंकि घर उन्हीं को चलाना होता है.
सरकार से चावल आपूर्ति की मांग: अनाज नहीं मिलने पर स्थानीय लोगों ने निराशा जताई है. लोगों का कहना है कि सरकारी अनाज नहीं मिलने से उनके लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है. स्थानीय महिला शांति देवी बताती है कि हम लोग गरीब है और हमारे पास अनाज खरीदने के लिए पैसा नहीं है. ऐसे में महीने के 15 तारीख को मिलने वाली अनाज से ही उनका घर चल रहा था. ऐसे में अनाज नहीं मिलने पर भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. महिलाओं ने प्रशासन से समय पर अनाज उपलब्ध कराने की मांग की है.
जल्द सबकुछ होगा ठीक:आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय को समय पर खाद्यान्न नहीं मिलने के संबंध में हमने दुमका के जिला आपूर्ति पदाधिकारी संजय कुमार दास से बात की । उन्होंने बताया कि पिछले कुछ माह से खाद्यान्न का आबंटन समय पर नहीं मिलने से यह परेशानी हुई है । उन्होंने बताया कि इसके लिए हमने विभाग को लिखा है और जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगा ।