झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

दुमका में चलंत पुस्तकालय किया जा रहा विकसित, पुस्तक प्रेमियों और विद्यार्थियों को मिलेगी सुविधा

दुमका में चलंत पुस्तकालय विकसित किया जा रहा है. जिला प्रशासन की ओर से राजकीय पुस्तकालय में रखी गाड़ी को सजाया जा रहा है, ताकि पुस्तक प्रेमियों को पढ़ने की बेहतर सुविधा मिल सके.

Mobile library in Dumka
दुमका में चलंत पुस्तकालय का किया जा रहा विकसित

By

Published : Apr 10, 2022, 6:09 PM IST

Updated : Apr 10, 2022, 9:19 PM IST

दुमकाःसंयुक्त बिहार के समय संथालपरगना प्रमंडल में साल 1954 में राजकीय पुस्तकालय की स्थापना की गई, जहां लोगों को पढ़ने की अच्छी व्यवस्था मुहैया कराई गई थी. पुस्तकालय में आने वाले लोगों के लिए बड़ी संख्या में पुस्तकें उपलब्ध थी. लेकिन दूरदराज के लोग पुस्तकालय नहीं पहुंच पाते थे. इस लोगों के लिए अमेरिकन कंपनी फरगो की एक मोटर गाड़ी मंगाई गई, जिसे चलंत पुस्तकालय बनाया गया. इस गाड़ी के अंदर अलमारी में किताबों को रखने की व्यवस्था थी. इसके साथ ही लोगों को बैठने के लिए कई बेंच भी लगाये गए थे, ताकि पुस्तक प्रेमी आराम से बैठकर पुस्तक पढ़ सके. लेकिन यह गाड़ी खराब होने के बाद चलंत पुस्तकालय की सुविधा खत्म हो गई. हालांकि, अब फिर से दुमका में चलंत पुस्तकालय को विकसित किया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंःस्टेट लाइब्रेरी में पढ़कर हजारों छात्रों ने संवारा अपना भविष्य, अब कर्मचारियों के चलते हो रही परेशानी


संथालपरगना जिला क्षेत्र में देवघर, साहिबगंज, पाकुड़ और गोड्डा अनुमंडल हुआ करते थे. वहीं, जामताड़ा दुमका जिले का हिस्सा था. मोटर गाड़ी में बना पुस्तकालय इन सभी क्षेत्रों में जाकर लोगों को पुस्तक उपलब्ध कराता था. यह गाड़ी किसी शहर या गांव के चौक चौराहों पर खड़ी होती थी और जो लोग गाड़ी के अंदर बैठकर किताबें पढ़ना चाहते थे, वे गाड़ी के अंदर बैठकर पढ़ सकते थे. इसके साथ ही सिक्युरिटी मनी जमा करने के बाद किताब अपने घर भी ला सकते थे. दूसरी बार चलंत पुस्तकालय पहुंचती तो पाठक पुस्तक लौटाते थे. इस चलंत पुस्तकालय पर एक चालक, एक लाइब्रेरियन और एक असिस्टेंट लाइब्रेरियन की पोस्टिंग थी. लेकिन दो दशक के बाद गाड़ी पुरानी होने लगी और धीरे-धीरे राजकीय पुस्तकालय के गैरेज में खड़ी कर दी गई. इसके बाद किसी ने चलंत पुस्तकालय की सुध नहीं ली.

देखें वीडियो


दुमका जिला प्रशासन ने लंबे समय बाद इस चलंत पुस्तकालय की की सुध ली है. इस मोटर वाहन को निकलवाया और अब फिर से उसे पुराने दिनों वाला स्वरूप दिया जा रहा है. गाड़ी का रंग रोगन हो चुका है. गाड़ी के भीतर अलमारी और बैठने की जगह बना दी गई है. यह कहें कि इतिहास को संजोया जा रहा है. अब देखना यह होगा कि पाठक इस चलंत पुस्तकालय में इतनी रुचि दिखाते हैं.


जिले में साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है. यही वजह है कि जिला प्रशासन की ओर से 16-17 अप्रैल को राजकीय पुस्कालय में प्रथम साहित्य उत्सव आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में देश भर के कई प्रख्यात लेखक और कवि हिस्सा ले रहे हैं. इसमें साहित्यकार नीलोत्पाल मृणाल, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त उपन्यासकार व समालोचक चंद्रहास चौधरी, कथाकार रजत उभयकर, पक्षी वैज्ञानिक विक्रम ग्रेवाल, लेखक मिहिर वत्स जैसे प्रसिद्ध साहित्यकार शामिल हैं.

Last Updated : Apr 10, 2022, 9:19 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details