दुमकाः वर्ष 2014 में जब झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दुमका के विधायक थे, उस वक्त उन्होंने युवाओं को रोजगार से जोड़ने खादी पार्क और उनके ज्ञान को बढ़ाने के लिए तारामंडल की आधारशिला रखी थी. इस बीच 5 साल का कार्यकाल रघुवर सरकार का भी बीता. आज फिर से हेमंत सरकार के 2 साल पूरे हो चुके हैं. लेकिन ना तो खादी पार्क पूरा हुआ और ना ही तारामंडल बनकर तैयार हो पाया.
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जुलाई 2014 में खादी पार्क की रखी थी आधारशिला
पहले खादी पार्क की बात करें तो दुमका के दुधानी पंचायत में खादी पार्क की आधारशिला जुलाई 2014 में तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन ने रखी थी. इस खादी पार्क का उद्देश्य था कि यहां खादी के कपड़ों का ना सिर्फ निर्माण होता बल्कि यहां उसके बनाने की ट्रेनिंग दी जाती.
इस प्रशिक्षण केंद्र में झारखंड के साथ दूसरे राज्यों से भी प्रशिक्षक को बुलाकर स्थानीय युवाओं को खादी के कपड़े और पोशाक को बनाने की ट्रेनिंग दी जाती. कपड़े तैयार होने के साथ ही साथ उसे बेचने के लिए एक शोरूम भी चालू होना था. कुल मिलाकर पूरी योजना सीधे रोजगार से जुड़ी हुई थी. काफी लोगों को यहां से रोजगार प्राप्त होता लेकिन आज तक योजना धरातल पर नहीं उतरी है. हालांकि भवन का काम लगभग पूरा हो चुका है लेकिन कब योजना के उद्देश्य पूरे होंगे यह बताना काफी मुश्किल है.
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
दुमका का दुधानी पंचायत जहां यह खादी पार्क बन रहा है उस पंचायत के मुखिया चंद्रमोहन हांसदा काफी निराश हैं. वो कहते हैं कि जब इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ तो इस इलाके के लोगों को लगा की एक बड़ी योजना यहां आई है, इससे लोगों को काफी फायदा मिलेगा, रोजगार मिलेगा और इलाके का विकास होगा. शिलान्यास के बाद यह आठवां साल चल रहा है फिर भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ. वो कहते हैं कि सरकार ने इस वर्ष को रोजगार वर्ष घोषित कर रखा है. अगर इस तरह की योजनाओं को पूरा कर लिया जाए तो काफी लोगों को काम मिलेगा और इस खादी पार्क की साथ सार्थकता साबित होगी.
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लोगों को कब तक मिलेगा तारामंडल का लाभ
दुमका के इंजीनियरिंग कॉलेज के पास तारामंडल का शिलान्यास भी 2014 में किया गया था. सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इसका निर्माण कार्य 2016-17 में शुरू हुआ. योजना लगभग 29 करोड़ रुपये की थी. इस तारामंडल में लोगों को खगोलीय घटनाक्रम की जानकारी मिलती, लोग अपने सौरमंडल से परिचित होते.
जंगल में तब्दील होता तारामंडल इस तारामंडल में एक साथ डेढ़ सौ लोगों की बैठने की व्यवस्था की गयी है. इसे देखने लोग महानगरों में जाते हैं पर दुमका जैसे छोटे शहर में भी यह मौजूद रहना अपने आप में गर्व का विषय था. वर्तमान समय में तारामंडल के भवन का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. लेकिन आज तक एक भी उपकरण यहां नहीं लगे. छात्र नेता गुंजन मरांडी कहते हैं कि लोगों को इससे काफी जानकारी प्राप्त होता पर वर्षों बीत गए यह अधूरा है, वो सरकार से इसे जल्द पूरा करने की मांग कर रहे हैं.
खादी पार्क का निर्माण कार्य अधूरा सरकार इसे जल्द पूरा करे
कुल मिलाकर देखा जाए तो खादी पार्क और तारामंडल दोनों ही योजना हर दृष्टिकोण से काफी बेहतर है. इससे ज्ञान भी अर्जित किया जा सकेगा. पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा. इसलिए सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द इन्हें चालू करें ताकि जनता को इसका लाभ मिले. जिस उद्देश्य के साथ इसकी आधारशिला रखकर धरातल पर उतारा गया था उसकी पूर्ति हो.