दुमका: बात जब बाबा भोले की भक्ति की हो तो उपराजधानी के बासुकीनाथ धाम का नाम जरूर आता है. इस प्रसिद्ध मंदिर की देखरेख में जिले का पूरा प्रशासनिक अमला जहां दिन रात एक किए हुए रहता है. वहीं इसी मंदिर से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित विष्णु मंदिर की कुछ अलग ही कहानी है. टूटी मूर्तियां, जर्जर भवन ये बता रहे हैं कि यहां का प्रशासन ऐतिहासिक धरोहरों को लेकर कितनी संजीदा है.
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कहां है विष्णु मंदिर
काफी जर्जर और लगभग खत्म होने की कगार पर पहुंच चुका यह ऐतिहासिक विष्णु मंदिर दुमका जिला मुख्यालय से भागलपुर जाने के रास्ते में 30 किलोमीटर दूर लगवा पहाड़ के नीचे बसे लगवा गांव में है. यहां यह मंदिर कब बना, किसने इसे बनवाया और आखिरी बार कब यहां पूजा हुई किसी को मालूम नहीं है. दो मंजिले इस विष्णु मंदिर में निचले तल्ले पर कई छोटे-छोटे कमरे हैं. जिसे पुजारियों का आवास माना जा रहा है. ऊपरी तल्ले की दीवार पर शेषनाग की आकृति बनी है. यहां राधा-कृष्ण की दुर्लभ मूर्तियां भी मौजूद हैं. इसके अलावे इसमें कई स्थान खाली हैं, जो इस बात के संकेत देते हैं कि यहां पहले कई देवी देवताओं की मूर्तियां रही होंगी. लेकिन अब जो हालत है उसे देखकर लग रहा है कि यहां कई सालों से पूजा नहीं हुई है और यह खंडहर में तब्दील हो चुका है.