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होली का रंग न हो बेरंग, बरतें ये सावधानियां

पीएमसीएच धनबाद के जाने-माने चिकित्सक एके सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि अगर होली खेला जाए तो यह प्रयास रहना चाहिए कि हर्बल अबीर-गुलाल का प्रयोग किया जाए. अगर ऐसा करते हैं तो लोगों को एलर्जी की परेशानी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि केमिकल युक्त रंग और अबीर का प्रयोग करने से त्वचा संबंधी कुछ परेशानियां लोगों को होती है.

These precautions taken during Holi
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Published : Mar 7, 2020, 6:20 PM IST

धनबाद: कोयलांचल के साथ-साथ पूरे देश भर में 10 मार्च को होली मनाया जाएगा. इसको लेकर धनबाद में अभी से ही होलीयाना अंदाज लोगों पर सिर चढ़कर बोलने लगा है. होली में अक्सर हुड़दंग भी देखा जाता है और खेल-खेल में कभी-कभार कुछ परेशानियां भी लोगों को उठानी पड़ती है. इसको लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने डॉक्टर से सलाह मांगी है ताकि लोगों को कम परेशानियों का सामना करना पड़े.

चिकित्सक एके सिंह से खास बातचीत

पीएमसीएच धनबाद के जाने-माने चिकित्सक एके सिंह ने बताया कि अगर होली खेला जाए तो यह प्रयास रहना चाहिए कि हर्बल अबीर-गुलाल का प्रयोग किया जाए. अगर ऐसा करते हैं तो लोगों को एलर्जी की परेशानी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि केमिकल युक्त रंग और अबीर का प्रयोग करने से त्वचा संबंधी कुछ परेशानियां लोगों को होती है. किसी-किसी को केमिकल रंग अबीर से एलर्जी की समस्या हो जाती है, लेकिन हर्बल अबीर-गुलाल से इस प्रकार की परेशानी नहीं होती.

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उन्होंने कहा कि अगर इस प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है तो सबसे पहले साफ पानी से उक्त स्थान को धो लेना चाहिए और उसके बावजूद भी अगर जलन रहती है या परेशानी होती है तो डॉक्टरों के पास पहुंचना चाहिए. खेल के दौरान अगर आंखों में रंग और अबीर पड़ जाए तो लोग क्या करेंगे,. इस सवाल के जवाब में डॉ. एके सिंह ने बताया कि हर्बल युक्त अबीर-गुलाल हो या केमिकल युक्त दोनों से ही आंखों को बचाना चाहिए. क्योंकि आंख शरीर का अत्यंत ही अति संवेदनशील भाग होता है. अगर किसी प्रकार से यह अनहोनी हो जाती है तो सबसे पहले साफ पानी से आंख को धोना चाहिए. संभव हो तो गुलाब जल से धोना चाहिए.

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