धनबादः अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति दिए जाने के नाम पर हुए घोटाले को लेकर स्कूल एसोसिएशन गोलबंद हो गया है. निजी स्कूलों के नाम पर एक बड़ा घोटाला किया गया है. निजी स्कूल प्रबंधन खुद घोटाले के शिकार हुए हैं, लेकिन इस घोटाले का आरोपी निजी स्कूल प्रबंधन को बताया जा रहा. इससे स्कूलों की साख पर असर पड़ रहा है जिससे स्कूल प्रबंधन आक्रोशित है साथ ही इसकी जांच की मांग कर रहे हैं.
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इसी को लेकर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बैनर तले प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया. प्रेसवार्ता कर संघ ने बताया कि बाघमारा क्षेत्र में स्कूल जो प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अंतर्गत हैं, उनलोगों की ओर से कल्याण विभाग में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं दिया गया. कल्याण विभाग की ओर से जितने भी अल्पसंख्यक बच्चों को छात्रवृति दी गयी वे सभी सबंधित विद्यालयों में अध्ययनशील नहीं हैं.
विभाग की ओर से छात्रवृति देते समय किसी तरह की सबंधित स्कूलों से वेरिफिकेशन नहीं किया गया और न ही किसी तरह की जानकारी दी गयी. ऐसे में उक्त विद्यालयों के नाम का इस्तेमाल करके विद्यालयों की छवि अभिभावक और समाज में खराब करने के साथ-साथ विभाग की राशि को गलत नीयत और गलत तरीके से दिया गया, जो जांच का विषय है.
वहीं, संघ के लोगों ने कहा कि अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति देने के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है. घोटाले के शिकार स्कूल खुद हुए हैं, लेकिन समाज निजी स्कूलों को ही घोटाले का आरोपी मान रही है. जिससे स्कूलों का नाम खराब हो रहा है. लोग शक के नजर से देख रहे हैं. इस तरह की छात्रवृत्ति की कोई जानकारी आज तक निजी स्कूल वालों को नहीं है. एक बड़ी जालसाजी का माध्यम स्कूलों को बनाया गया है. उनके स्कूल के नाम 234 अल्पसंख्यक छात्रों के छात्रवृत्ति निर्गत किये गये.
एक छात्र के नाम पर 10,700 की राशि, जिसका अगर कुल किया जाय तो 23 लाख से अधिक होगा. इस तरह अन्य स्कूल कर्नल पब्लिक 219 छात्र, ग्लोबल पब्लिक 227, एनआरपी सैनिक स्कूल, बिरसा पब्लिक 200 से अधिक अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति निर्गत की गयी है. इस घोटाले में बाघमारा क्षेत्र और भी स्कूल हैं जो इस घोटाले का शिकार हुए हैं. उनलोगों की मांग है कि इसकी उच्चस्तरीय जांच कर कार्रवाई की जाय.